पहलगाम: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को पहलगाम में कैबिनेट बैठक आयोजित की. यह वही पहलगाम है जहां अप्रैल में भीषण आतंकी हमला हुआ था. इस बैठक के माध्यम से सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद, घाटी में पर्यटन को रोक नहीं सकता और ना ही सरकार को डराया जा सकता है. सीएम उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हम पहलगाम इसलिए आए हैं ताकि स्थानीय लोगों के साथ एकजुटता दिखा सकें. साथ ही उन सभी पर्यटकों का आभार जताने के लिए भी जो धीरे-धीरे फिर से कश्मीर और पहलगाम की ओर लौट रहे हैं.”
अमरनाथ यात्रा और खीर भवानी मेले का सुरक्षित और सुचारू संचालन सुनिश्चित करेंगे: उमर अब्दुल्ला.
यह पहली बार है जब वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कैबिनेट बैठक श्रीनगर या जम्मू के बजाय किसी अन्य स्थान पर आयोजित हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बैठक के जरिए सरकार का कामकाज भी आगे बढ़ाया गया, और साथ ही आतंकियों को स्पष्ट संदेश भी दिया गया कि सरकार डरने वाली नहीं है.
CM उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम से शेयर की तस्वीर
In Pahalgam to chair a cabinet meeting. We came to express solidarity with the local population. We’ve also come to thank all the tourists who are slowly making their way back to Kashmir & to Pahalgam. pic.twitter.com/VhKVyWV4Kd
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 27, 2025
पर्यटन को संकट से अलग रखने की बात
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम पहलगाम आए ताकि पर्यटन को फिर से बढ़ावा दिया जा सके. महाराष्ट्र से 60 टूर ऑपरेटर यहां आने वाले हैं, यह एक अच्छा संकेत है. पर्यटन को राजनीतिक स्थिति से जोड़ना ठीक नहीं. मेरी सरकार इस क्षेत्र को किसी भी टकराव या संघर्ष से अलग रखने का प्रयास करेगी.”
उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन को ‘कॉन्फ्लिक्ट-न्यूट्रल एक्टिविटी’ यानी संघर्ष से परे रखा जाना चाहिए, क्योंकि यह न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है, बल्कि शांति और विकास का भी प्रतीक है.
जम्मू-कश्मीर डटा हुआ है, मजबूत है
मुख्यमंत्री ने पहलगाम क्लब में हुई इस कैबिनेट बैठक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, “आज पहलगाम में कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की. यह सिर्फ एक सामान्य प्रशासनिक काम नहीं था, बल्कि एक मजबूत संदेश भी था हम आतंक की कायराना हरकतों से डरते नहीं.” उन्होंने आगे कहा, “शांति के दुश्मन हमारी इच्छाशक्ति को कभी कमजोर नहीं कर सकते. जम्मू-कश्मीर डटा हुआ है, मजबूत है, और निडर है.”
पहले भी दूरदराज क्षेत्रों में कर चुके हैं बैठक
यह पहली बार नहीं है जब उमर अब्दुल्ला ने संवेदनशील और दूरदराज़ इलाकों में कैबिनेट बैठकें की हैं. अपने पिछले कार्यकाल (2009-2014) के दौरान भी उन्होंने गुरेज़, माछिल, तंगधार, राजौरी और पुंछ जैसे क्षेत्रों में कैबिनेट बैठकें कर सरकार की सक्रियता और लोगों से जुड़ाव का संदेश दिया था.
निति आयोग की बैठक में भी रखी थी यही बात
उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भी यही अपील की थी कि पर्यटन को संघर्ष और राजनीति से अलग रखा जाए, ताकि कश्मीर की सुंदरता और आतिथ्य का लाभ सभी को मिल सके.













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