बंगाल पटाखा गोदाम विस्फोट में मरने वालों में आतंकवाद के एक आरोपी का बेटा और भाई भी शामिल

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर में रविवार को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ, जिसमें अब तक नौ लोगों के मारे जाने की सूचना है.

कोलकाता, 29 अगस्त: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के दत्तपुकुर में रविवार को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ, जिसमें अब तक नौ लोगों के मारे जाने की सूचना है. मरने वालों में एक आतंकवाद के एक आरोपी का बेटा और भाई भी शामिल हैं जो इस समय न्‍यायिक हिरासत में है. विस्फोट में मारे गए दो लोगों की पहचान रोनी शेख और जिरत शेख के रूप में की गई है. रोनी शेख फरवरी 2021 में मुर्शिदाबाद जिले के निमटीटा रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट में आरोपी ईशा खान का बेटा है। वहीं जिरत शेख उसका छोटा भाई है. यह भी पढ़े:  बंगाल पटाखा इकाई विस्फोट- कलकत्ता हाईकोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दायर 

रविवार को दत्तपुकुर विस्फोट में पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, जिरत शेख मुख्य व्यक्ति था जो उक्त अवैध पटाखा गोदाम के प्रमुख भागीदार केरामत शेख को पटाखों के निर्माण के लिए सामग्री की आपूर्ति करता था. विस्फोट के बाद से केरामत शेख के ठिकाने को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वह लापता है। स्थानीय लोगों के एक वर्ग ने दावा किया कि विस्फोट में उसकी भी मौत हो गई. विस्फोट में मारे गए नौ लोगों में से चार मुर्शिदाबाद जिले के एक कस्बे सुती से हैं, जो ईशा खान, रोनी शेख और जिरात शेख का पैतृक शहर भी है.

ईशा खान को अपने मृत बेटे और भाई का अंतिम संस्कार करने के लिए पैरोल पर रिहा करने के लिए पहले ही अदालत से मंजूरी मिल चुकी है. अदालत ने आदेश दिया है कि उसे ब्लैंकेट सिक्योरिटी कवर में अनुष्ठान करने की अनुमति दी जा सकती है और इसके अंत में उसे फिर से सुधार गृह में वापस लाया जाएगा. दत्तपुकुर पटाखा विस्फोट में एनआईए को दोषी साबित करने की मांग को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में पहले से ही दो अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि विस्फोट की प्रकृति और प्रभाव से ऐसा लगता है कि यह सामान्य पटाखों के विस्फोट का नतीजा नहीं था. जनहित याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई होनी है.

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