टेलीविजन हस्ती कीर्ति वर्मा 263 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में ईडी के निशाने पर
पूर्व आयकर अधिकारी से टेलीविजन पर्सनालिटी बनीं कीर्ति वर्मा धोखाधड़ी से टीडीएस जारी करने से संबंधित एक मामले में कथित रूप से अपराध की आय प्राप्त करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में हैं. आयकर विभाग से 263 करोड़ रुपये का रिफंड.
नई दिल्ली, 10 फरवरी : पूर्व आयकर अधिकारी से टेलीविजन पर्सनालिटी बनीं कीर्ति वर्मा धोखाधड़ी से टीडीएस जारी करने से संबंधित एक मामले में कथित रूप से अपराध की आय प्राप्त करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की जांच के दायरे में हैं. आयकर विभाग से 263 करोड़ रुपये का रिफंड. कीर्ति वर्मा, जिन्होंने 'रोडीज' और 'बिग बॉस सीजन 12' जैसे शो में अभिनय किया था, पर उन आरोपियों में से एक के साथ घनिष्ठ संबंध होने का आरोप लगाया गया है, जिन्होंने अवैध रूप से टैक्स रिफंड प्राप्त किया था. ईडी द्वारा वर्मा को कई बार जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था. ईडी को पता चला है, "वर्मा ने गुरुग्राम में एक संपत्ति बेची, जिसे 2021 में अपराध की आय से 1.02 करोड़ रुपये में अधिग्रहित किया गया था. उसने अपने बैंक खाते में बिक्री की आय प्राप्त की."
ईडी ने जनवरी में जमीन, फ्लैट, लग्जरी कारों समेत 69 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. कुर्क की गई संपत्ति वर्मा और अन्य आरोपी व्यक्तियों, यानी भूषण अनंत पाटिल, राजेश शेट्टी और सारिका शेट्टी के नाम पर खरीदी गई थी. ईडी का मामला आयकर विभाग में कार्यरत एक वरिष्ठ कर सहायक तानाजी मंडल अधिकारी और पनवेल के एक व्यवसायी भूषण अनंत पाटिल के खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित है. सीबीआई का मामला आरोपी द्वारा फर्जी तरीके से टैक्स रिफंड जारी करने से संबंधित है. सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि आरोपी को 2007 से 2009 तक अवैध आई-टी रिफंड मिला. यह भी पढ़ें : धामी ने उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश को अनुमोदन दिया
यह आरोप लगाया गया था कि अधिकारी, एक वरिष्ठ कर सहायक के रूप में काम करते हुए अपने पर्यवेक्षी अधिकारियों के आरएसए टोकन और लॉगिन क्रेडेंशियल्स तक पहुंच रखते थे. उसने कथित तौर पर दूसरों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की. आरोपी ने धोखे से 263 करोड़ रुपये से अधिक का टीडीएस रिफंड जेनरेट किया और उसे विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया, जिसमें एसबी एंटरप्राइजेज का खाता भी शामिल है, जो भूषण अनंत पाटिल के स्वामित्व वाली कंपनी है.
सीबीआई ने अधिकारी, पाटिल, राजेश शांताराम शेट्टी और अन्य के खिलाफ पीसी अधिनियम की धारा 7 और 13(2) सहपठित धारा 13(1)(ए) और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आरोपपत्र भी दायर किया. ईडी को पता चला कि 15 नवंबर, 2019 से 4 नवंबर, 2020 की अवधि के दौरान अधिकारी द्वारा 263,95,31,870 रुपये के 12 फर्जी टीडीएस रिफंड जेनरेट किए गए, जिन्हें धोखाधड़ी से एसबी एंटरप्राइजेज के खाते में जमा कर दिया गया. अपराध की इन आय को बाद में भूषण अनंत पाटिल और अन्य संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं के बैंक खातों में और शेल कंपनियों में भी स्थानांतरित कर दिया गया. कीर्ति वर्मा ने गुरुग्राम में एक ऐसी संपत्ति बेची थी, जिसे 2021 में अपराध की आय से अधिग्रहित किया गया था.
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, "1.02 करोड़ रुपये. तलाशी अभियान चलाए गए और पूरी बिक्री की पहचान उसके बैंक खाते में की गई, जिसे फ्रीज कर दिया गया था." ईडी ने इससे पहले लोनावाला, खंडाला, कर्जत, पुणे और उडुपी इलाकों में जमीन के रूप में अचल संपत्तियां, पनवेल और मुंबई इलाकों में फ्लैट और तीन लग्जरी कारों के रूप में चल संपत्तियां जब्त की थीं, जिन्हें अपराध की कमाई से हासिल किया गया था. इन संपत्तियों की पहचान पर पीएमएलए के तहत एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया था, जिसमें कुल 69,65,99,720 रुपये की 32 संपत्तियों को कुर्क किया गया था. इस तरह इस मामले में कुल 263 करोड़ रुपये की अपराध राशि में से अब तक 166 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.