Bihar Voter List: एसआईआर को लेकर तेजस्वी यादव ने फिर उठाए सवाल, कहा- गुजरात के वोटर भी बिहार के मतदाता बन रहे
बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सियासी घमासान जारी है. दिल्ली से लेकर बिहार तक में विपक्ष इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल चुका है. इस बीच, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर एसआईआर को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि गुजरात के मतदाता भी अब बिहार के वोटर बन रहे हैं.
पटना, 13 अगस्त : बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सियासी घमासान जारी है. दिल्ली से लेकर बिहार तक में विपक्ष इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल चुका है. इस बीच, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर एसआईआर को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि गुजरात के मतदाता भी अब बिहार के वोटर बन रहे हैं.
पटना में आज एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव आयोग के साथ मिलकर गरीबों के वोट देने का अधिकार छीन रही है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि गुजरात भाजपा के नेता भीखूभाई भी पटना के वोटर बन गए हैं. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि गुजरात में उन्होंने मतदाता सूची से अपना नाम कटवा लिया है. यह भी पढ़ें : RBI MPC Meeting: आरबीआई 2025 की चौथी तिमाही में रेपो रेट में कर सकता है 25 आधार अंक की कटौती; एचएसबीसी
उन्होंने आगे मुजफ्फरपुर की मेयर निर्मला देवी के पास भी दो ईपिक कार्ड होने के आरोप लगाए. तेजस्वी के मुताबिक, निर्मला देवी का एक ही विधानसभा में दो ईपिक आईडी हैं. यह दोनों ही अलग-अलग हैं. केवल निर्मला देवी ही नहीं बल्कि निर्मला देवी के रिश्तेदार के भी दो-दो ईपिक नंबर हैं. उन्होंने निर्मला देवी की उम्र में भी अंतर की बात कही. उन्होंने कहा कि अब समझा जा सकता है कि पुनरीक्षण कार्य कितनी संजीदगी से किए जा रहे हैं.
तेजस्वी यादव ने एक बार फिर भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर उन्होंने खुलासा नहीं किया होता, तो विजय सिन्हा का नाम मतदाता सूची से नहीं कटता. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने दो जिले पटना और लखीसराय में अपराध किया है, तो सिर्फ एक जिले से नोटिस क्यों आया? उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग अपने अस्तित्व को बचाने के लिए हर लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि विपक्ष लगातार चुनाव आयोग की कमजोरियों और अपनी आशंकाओं को सामने ला रहा है, लेकिन अभी तक चुनाव आयोग ने एक भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं की. उन्होंने साफ लहजे में कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी रही है और हम यहां लोकतंत्र को मरने नहीं देंगे.