तालिबान ने कहा- पाकिस्तान के आतंकियों के साथ हमारे संबध नहीं, भारत ये गलती कभी न करे...
तालिबान के पाकिस्तान-आधारित आतंकी समूहों के साथ गहरे संबंधों पर ANI से बात करते हुए तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, 'ये निराधार आरोप हैं. ये जमीनी हकीकत नहीं है. तालिबान प्रवक्ता ने कहा, "अगर भारत सैन्य रूप से अफगानिस्तान आता है और उनकी मौजूदगी होती है, तो मुझे लगता है कि यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा."
नई दिल्ली: तालिबान (Taliban) के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन (Muhammed Suhail Shaheen) ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, वह तालिबान अफगान लोगों की मदद करने के लिए भारत की सराहना करता है. अफगानिस्तान में भारत की सहायता से चल रही परियोजनाओं पर तालिबान प्रवक्ता ने कहा, "हम अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए हर काम की सराहना करते हैं जैसे बांध, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और जो भी अफगानिस्तान के विकास, पुनर्निर्माण और आर्थिक समृद्धि के लिए किया गया है. Taliban: तालिबान के हाथों लगा हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना का नहीं.
तालिबान के पाकिस्तान-आधारित आतंकी समूहों के साथ गहरे संबंधों पर ANI से बात करते हुए तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, 'ये निराधार आरोप हैं. ये जमीनी हकीकत नहीं है. बल्कि राजनीतिक रूप से प्रेरित लक्ष्यों के आधार पर हमारे प्रति उनकी कुछ नीतियों के आधार पर बनाए गए हैं.'
तालिबान के प्रवक्ता ने कही ये बात
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन से जब यह पूछा गया कि क्या तालिबान भारत को आश्वस्त कर सकता है कि उसके खिलाफ अफगान धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इस पर तालिबान प्रवक्ता ने कहा, "हमारी एक सामान्य नीति है कि हम किसी को भी पड़ोसी देशों सहित किसी भी देश के खिलाफ अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा, "भारतीय प्रतिनिधिमंडल के हमारे प्रतिनिधिमंडल से मिलने की खबरें थीं, लेकिन मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता. मेरी जानकारी के अनुसार, (अलग) बैठक नहीं हुई है, लेकिन कल दोहा में हमारी एक बैठक थी, जिसमें एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भी भाग लिया था.
मोहम्मद सुहैल शाहीन ने एएनआई को ये भी बताया कि तालिबान की तरफ से दूतावासों और राजनयिकों को कोई खतरा नहीं है. हम किसी दूतावास या राजनयिक को निशाना नहीं बनाएंगे. हमने अपने बयानों में कई बार ऐसा कहा है. यह हमारी प्रतिबद्धता है.
अफगानिस्तान के पक्तिया में एक गुरुद्वारे से निशान साहिब को हटाने पर तालिबान प्रवक्ता ने कहा, "उस झंडे को सिख समुदाय ने ही हटाया था. जब हमारे सुरक्षा अधिकारी वहां गए तो उन्होंने कहा कि झंडा देखा तो कोई उन्हें परेशान करेगा. हमारे लोगों ने उन्हें आश्वासन दिया और उन्होंने इसे फिर से फहराया.
तालिबान प्रवक्ता ने कहा, "अगर भारत सैन्य रूप से अफगानिस्तान आता है और उनकी मौजूदगी होती है, तो मुझे लगता है कि यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा. तालिबान ने कहा, अफगानिस्तान में दूसरे देशों के सैन्य दखल के नतीजों से सभी वाकिफ हैं. यह सभी के लिए एक खुली किताब की तरह है.