नई दिल्ली: 29 सितंबर को देश सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ मना रहा है. सर्जिकल स्ट्राइक पाक के दहशतगर्दों के खिलाफ भारत के जवानों की शौर्य गाथा है. साल 2016 में भारतीय सेना ने बड़ी कार्रवाई के तहत पाकिस्तान की सीमा में घुसकर ताबड़तोड़ तरीके से सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. इस ऐतिहासिक दिन को आज 2 साल पूरे हो गए हैं. 28-29 सितंबर की आधी रात भारतीय सेना योजनाबद्ध तरीके से पाकिस्तान की सीमा में 3 किलोमीटर के अंदर घुसी और आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर डाला.
29 सितंबर 2016 भारतीय सेना के लिए वो यादगार दिन है जिस दिन उरी हमले के बदले में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर अनेक आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया था. इस दिन को देश भर में पराक्रम पर्व के रूप में मनाया जा रहा है.
सर्जिकल स्ट्राइक के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ब्लैक कैट डिविजन के ब्रिगेडियर अजय मिश्रा ने गंगटोक वेस्ट प्वाइंट स्कूल में प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. प्रदर्शनी में 105 एमएम फील्ड गन, छोटे हथियार, इंजीनियरिंग के सामान, माउंटेनियरिंग गैजेट, अभियान के दौरान घायल या बीमार सैनिकों के उपचार में काम आने वाले चिकित्सा उपकरण आदि प्रदर्शित किए गए. यह भी पढ़ें- सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ: जानें आधी रात को हुई बड़ी लड़ाई की दास्तां जिससे आज भी कांप उठती है PAK सेना
दो दिवसीय पराक्रम दिवस
भारतीय नौसेना ने वर्ष 2016 में रक्षा बलों द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ पर मुंबई और गोवा में 29 सितंबर से दो दिवसीय कार्यक्रम की योजना बनाई है. इस कार्यक्रम में 29 सितंबर, 2016 को की गई सर्जिकल स्ट्राइकल में सेना के साहसिक कृत्यों को प्रदर्शित किया जाएगा. इस दौरान उरी हमले के दौरान हुए भारतीय सैनिकों के बलिदान को भी याद किया जाएगा.
#ParakramParv . Hon'ble Raksha Mantri Shrimati Nirmala Sitharaman inaugurated #ParakramParv at India Gate. Ceremony was attended by Military and Civil Dignitaries and large number of school children and NCC cadets #पराक्रमपर्व pic.twitter.com/X0j7WEVwIp
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) September 28, 2018
We salute the unmatched valour of our brave soldiers who conducted Surgical Strikes. #ParakramParv pic.twitter.com/KaeqIEJEDH
— BJP (@BJP4India) September 29, 2018
उरी हमले का जवाब था सर्जिकल स्ट्राइक
8 सितंबर, 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया था. इस हमले में सेना के करीब 18 जवान शहीद हुए थे. हालांकि सेना ने कुछ घंटों की मुठभेड़ में चारों आतंकियों को मार गिराया लेकिन पाकिस्तान को इस हमले का सबक सीखना बाकी था. पाकिस्तान के इस कायराना हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया.
कैसे हुई सर्जिकल स्ट्राइक
यह ऑपरेशन 28 सितंबर देर रात 12.30 बजे शुरू हुआ. इस मिशन के लिए सेना के स्पेशल कमांडोज को चुना गया था. MI-17 हेलीकाप्टरों के जरिए एलओसी पर 150 कमांडो को उतारा गया. जिसके बाद वे पाक अधिकृत कश्मीर (POK) के 3 किलोमीटर अंदर तक घुस गए. सेना ने भींबर, लिपा, केल और हॉटस्प्रिंग सेक्टरों में ऑपरेशन को अंजाम दिया.
भारत के जाबांज सैनिकों ने ऑपरेशन में पाक आतंकियों के सात कैंप तबाह किए साथ ही सेना ने 38 आतंकी और दो पाकिस्तानी जवानों को भी ढेर किया. ऑपरेशन में सभी भारतीय कमांडोज सुरक्षित वापस लौटे. सुबह 4.30 बजे भारतीय सेना के वापसी के साथ यह ऑपरेशन खत्म हुआ. यह भी पढ़ें-भारतीय सेना पर है हिंदुस्तान को गर्व, आतंकियों पर मौत बनकर ऐसे टूटी थी आर्मी, सामने आया सर्जिकल स्ट्राइक का नया वीडियो
इसके लिए दस दिन पहले से खुफिया जानकारी जुटाई जा रही थी. आतंकियों के ठिकानों पर निगरानी रखी जा रही थी. पूर्ण तैयारी, सटीक जानकारी के साथ सेना ने इस मिशन को अंजाम दिया था. यही वजह थी कि स्ट्राइक के दौरान सेना को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंची और सभी जवान पूर्ण सुरक्षित भारत लौटे.