IAS और IPS अधिकारियों का कैडर आवंटन रद्द करने वाले फैसले के खिलाफ अर्जी पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि उच्च न्यायालय ने सरकार को कैडर आवंटन की पूरी कवायद फिर से करने को कहा है.
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि 2018 बैच के आईएएस (IAS) और आईपीएस (IPS) अधिकारियों का कैडर आवंटन रद्द करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के फैसले को चुनौती देने वाली केन्द्र की याचिका पर वह 17 मई को सुनवाई करेगा. मामला तुरंत सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी (Justice Indira Banerjee) और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) की पीठ के समक्ष आया था. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने पीठ को बताया कि उच्च न्यायालय ने सरकार को कैडर आवंटन की पूरी कवायद फिर से करने को कहा है.
मेहता ने अदालत को बताया कि 2018 बैच में कैडर के तहत चयनित अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है और 10 मई से उन्हें अपने-अपने कैडर में ड्यूटी ज्वाइन करनी थी. बता दें कि पांच मई को दिल्ली उच्च न्यायालय ने नई नीति के तहत 2018 बैच के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को केन्द्र के कैडर आवंटन को निरस्त कर दिया था और नये सिरे से कैडर आवंटन का आदेश दिया था. यह भी पढ़ें- बीजेपी यूथ विंग की नेता प्रियंका शर्मा की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार, ममता बनर्जी का 'मीम' पोस्ट करने के लिए हुई थीं गिरफ्तार
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने प्रक्रिया को चुनौती देते हुए अदालत की शरण में आने वाले अधिकारियों की इस दलील पर सहमति जताई थी कि कैडर आवंटन ऐसा विषय है जो आने वाले समय में उनके करियर को प्रभावित करेगा. पीठ ने कहा था कि प्राधिकारों द्वारा कैडरों के पुन:आवंटन में ज्यादा समय नहीं लगेगा क्योंकि यह इलेक्ट्रानिक तरीके से होता है और प्राधिकारों के पास इस संबंध में जरूरी डेटा पहले से मौजूद है.
भाषा इनपुट