UPSC Jihad: सुदर्शन टीवी के 'यूपीएससी जिहाद' वाले कार्यक्रम पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा ‘मीडिया में स्व-नियमन होना जरुरी’
सुदर्शन टीवी के 'यूपीएससी जिहाद' वाले कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि मीडिया में किसी तरह का स्व नियमन होना चाहिए.
नई दिल्ली: सुदर्शन टीवी के 'यूपीएससी जिहाद' वाले कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि मीडिया में किसी तरह का स्व नियमन होना चाहिए. देश की शीर्ष कोर्ट ने कहा कि कुछ मीडिया संस्थान जिस तरह से डिबेट आयोजित करते है, वह चिंताजनक है. हालांकि कोर्ट की सुनवाई अभी पूरी नहीं हुई है. लंच के बाद फिर सुनवाई शुरू होने वाली है.
सुप्रीम कोर्ट ने नौकरशाही में मुसलमानों की कथित “घुसपैठ” पर सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम ‘बिंदास बोल’ पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस तरह से कुछ मीडिया हाउस बहस करवा रहे हैं, वह चिंता का विषय है क्योंकि सभी तरह की मानहानि की बातें कही जाती हैं. सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम ‘बिंदास बोल’ के प्रसारण पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (D Y Chandrachud) की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, "इस कार्यक्रम को देखिए, यह कार्यक्रम कितना विवादास्पद है कि एक समुदाय सिविल सर्विस में प्रवेश कर रहा है." बेंच ने कहा कि इस कार्यक्रम का विषय यूपीएससी की परीक्षाओं पर बिना किसी तथ्यात्मक आधार पर सवाल खड़ा कर रहा है.
जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष कोर्ट से कहा कि पत्रकार की स्वतंत्रता सर्वोच्च है. प्रेस को नियंत्रित करना किसी भी लोकतंत्र के लिए विनाशकारी होगा. वहीं, सुदर्शन टीवी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान (Shyam Divan) ने कोर्ट को बताया कि यह कार्यक्रम चैनल का राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक इनवेस्टिगेटिव स्टोरी है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने सुदर्शन टीवी के 'बिंदास बोल' कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. सुदर्शन टीवी के प्रोमो में दावा किया गया था कि चैनल 'संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में मुसलमानों की घुसपैठ के षड्यंत्र पर बड़ा खुलासा' प्रसारित करने जा रहा है. जिसके कारण 'यूपीएससी जिहाद' वाले इस कार्यक्रम से एक नया विवाद उत्पन्न हुआ है.