नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत मिल गई है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फरवरी 2022 से जेल में थे. कोर्ट ने मलिक की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को देखते हुए जमानत दी है. ईडी ने मलिक को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के साथ कथित संबंधों को लेकर धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था. 1860 से 2023 तक देश में अंग्रेजों का कानून चल रहा था, जिसे अब मिटा दिया जाएंगा, नए विधेयक पर बोले अमित शाह.
कोर्ट ने मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मेडिकल आधार पर दो महीने के लिए जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है. वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मेडिकल आधार पर जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं जताई. नवाब मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "याचिकाकर्ता वर्तमान में क्रिटिकेयर अस्पताल, मुंबई में हैं, किडनी और अन्य अंगों से संबंधित बीमारियों का इलाज किया जा रहा है. उन्हें 2 महीने के लिए मेडिकल जमानत पर रिहा किया जाए.
Money laundering case: SC grants two-month interim bail to former Maharashtra minister Nawab Malik on medical grounds
— Press Trust of India (@PTI_News) August 11, 2023
जांच एजेंसी ने मलिक को पिछले साल फरवरी में आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के एक सहयोगी से संबंधित एक कथित जमीन सौदे को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. ईडी ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री के खिलाफ अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के साथ उनके ड्राइवर सलीम पटेल के माध्यम से हुए जमीन सौदे में पैसों के लेन-देन को लेकर चार्जशीट दायर की थी.
मलिक के खिलाफ ईडी का मामला राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) द्वारा 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है.