नई दिल्ली, 2 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली पुलिस के अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद के आंदोलन के दौरान किसी तरह की हिंसा ना हो और ना ही हेट स्पीच जैसी कोई घटना सामने आए. हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक झड़पों को लेकर विहिप ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में धरना दिया. इसी बीच उच्चतम न्यायालय का बड़ा आदेश भी आया.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवी भट्टी की पीठ ने आदेश दिया कि पुलिस अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी समुदाय के खिलाफ कोई नफरत भरा भाषण न दिया जाए या हिंसा और संपत्ति को नुकसान न हो. Nuh Violence: नुकसान की भरपाई के लिए दंगाइयों से होगी वसूली, नूंह हिंसा पर बोले सीएम मनोहर लाल
संवेदनशील इलाकों के संबंध में पीठ ने पर्याप्त पुलिस बल या अर्धसैनिक बलों की तैनाती के अलावा सीसीटीवी कैमरों से निगरानी करने का निर्देश दिया.
अदालत ने विशेष रूप से कहा कि वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी और फुटेज को कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा संरक्षित किया जाएगा.
हरियाणा के नूंह में सोमवार को एक धार्मिक जुलूस पर कथित तौर पर हमला होने के बाद सांप्रदायिक झड़पें भड़क उठी थी.
हिंसा गुरुग्राम और दिल्ली से सटे हरियाणा के कुछ जिलों तक फैल गई. मंगलवार को गुरुग्राम में कई मीट की दुकानों, कबाड़ की दुकानों और फर्नीचर रिपेयरिंग की दुकानों पर हमला किया गया.
नूंह जिला प्रशासन ने बुधवार को कहा कि हिंसा में कुल छह लोगों की मौत हो गई, 60 घायल हो गए और 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अब तक कोई ताजा झड़प नहीं हुई है. जिला प्रशासन ने यह भी कहा कि सोमवार को भड़के सांप्रदायिक दंगे के संबंध में नूंह के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 26 एफआईआर दर्ज की गई हैं.
हरियाणा सरकार के मुताबिक, पीड़ितों में दो होम गार्ड और चार नागरिक शामिल हैं.
इस बीच हरियाणा के नूंह, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और झज्जर जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा अभी भी जारी है.