नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) द्वारा दायर की गई याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया है. हजारों करोड़ों की चपत लगाने वाले माल्या ने कोर्ट के 2017 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दी थी जिसमें कोर्ट ने उसे अवमानना का दोषी ठहराया था.
यह 14 जुलाई, 2017 के फैसले के खिलाफ माल्या द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर कोर्ट ने पहले ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. माल्या ने कोर्ट के आदेश पर अपनी संपत्ति का पूरा लेखा-जोखा सच्चाई से नहीं बताया था, लिहाजा शीर्ष अदालत ने उसे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था. इसके अलावा माल्या को अदालत के आदेश का उल्लंघन कर अपने खाते से 40 मिलियन डॉलर की रकम निकालने का भी दोषी पाया गया. जबकि माल्या पर खातों से पैसे निकालने पर रोक लगाई गई थी.भारत ने ब्रिटेन से कहा : विजय माल्या के शरण के अनुरोध पर विचार न करें
Supreme Court dismisses a plea filed by fugitive businessman Vijay Mallya, seeking a review of its May 2017 order holding him guilty of contempt for transferring USD 40 million to his children, in violation of the court's order pic.twitter.com/JxmEhu1CCq
— ANI (@ANI) August 31, 2020
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में विजय माल्या मामले से संबंधित एक दस्तावेज शीर्ष अदालत की फाइलों से गायब हो गया था. जिसके बाद केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस यूयू ललित और अशोक भूषण की बेंच ने सुनवाई स्थगित कर दी थी. इस मामले में शामिल पक्षों ने नई प्रतियां कोर्ट में दाखिल की.
19 जून को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 3 वर्षों से सूचीबद्ध बैंकों को 9,000 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाने के मामले में मई 2017 की सजा के खिलाफ माल्या की अपील के बारे में अपनी रजिस्ट्री से स्पष्टीकरण मांगा था. मई 2017 में, शीर्ष अदालत ने उन्हें अपने बच्चों को 4 करोड़ डॉलर ट्रांसफर करने के लिए अदालत की अवमानना करने का दोषी ठहराया,और उसे सजा पर बहस करने के लिए 10 जुलाई को उपस्थित होने का आदेश दिया था. (एजेंसी इनपुट के साथ)