नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को एक बच्चे से रेप और हत्या करने वाले दोषी की मृत्युदंड (Death Penalty) की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है. महाराष्ट्र (Maharashtra) में साल 2013 में दोषी ने दो साल के बच्चे के साथ रेप किया था और उसकी हत्या कर दी थी. महाराष्ट्र: नालासोपारा में 28 वर्षीय महिला के साथ गैंगरेप, दो लोग गिरफ्तार
जस्टिस यूयू ललित (UU Lalit), इंदु मल्होत्रा (Indu Malhotra) और कृष्ण मुरारी (Krishna Murari) की तीन जजों वाली बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) द्वारा शत्रुघ्न बबन मेश्राम (Shatrughna Baban Meshram) को दी गई सजा को सही ठहराया. हालांकि बेंच ने हत्या के जुर्म में मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया और बलात्कार के अपराध के लिए 25 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई.
घटना के दिन पीड़ित बच्चा अपने दादा के साथ था. दोषी पिता से मिलवाने का बहाना बनाकर बच्चे को दादा से दूर ले गया. फिर रेप कर मार डाला. मेश्राम पीड़िता के दादा के चचेरे भाई का बेटा है. गुरुग्राम में दिल दहला देने वाली वारदात, ICU में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखी गई 21 वर्षीय लड़की से रेप
Supreme Court commutes a Maharashtra convict's death sentence to life imprisonment and for a minimum period of 25 years, for rape and murder of an infant. pic.twitter.com/kJC3lAWSbH
— ANI (@ANI) November 2, 2020
धार्मिक समारोह में गए पीड़िता का पिता जब घर लौटा तो बच्चा घर में नहीं था. उसके बाद दादा ने सारी बात बता दी. फिर बच्चे की खोजबीन शुरू हुई. अंततः पीड़ित बच्चे को एक निर्माणाधीन आंगनवाड़ी की इमारत में जमीन पर पड़ा हुआ पाया गया. आरोपी भी मौके पर था. पीड़ित को गंभीर चोटे आई थी. उसके होंठ और गाल पर काटने का निशान था और उसके निजी अंगों में सूजन भी थी. उसे फ़ौरन एक डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
यवतमाल के सत्र न्यायालय ने शत्रुघ्न बबन मेश्राम को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई. 12 अक्टूबर 2015 को भी बॉम्बे हाईकोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने सजा को बरकरार रखा, जिससे बाद दोषी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.