जम्मू-कश्मीर: 3 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद 35 SPO के इस्तीफे की खबर, गृह मंत्रालय ने बताया 'अफवाह'

घाटी में SPO के जवानों के इस्तीफे की खबर को राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बेबुनियाद बताते हुए अपवाह करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शरारती तत्वों द्वारा राज्य पुलिस का मनोबल गिराने और आम लोगों में डर पैदा करने लिए दुष्प्रचार का हिस्सा है.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह, इंडियन आर्मी (Photo Credits: PTI)

श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद घाटी में तनाव बढ़ता जा रहा है. इसके चलते लगातार स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स यानी SPO के जवान इस्तीफा दे रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक खौफ की वजह से अब तक SPO के 35 जवान इस्तीफा दे चुके हैं. इन में से कुछ जवानों के इस्तीफे वाले वीडियो सोशल मीडिया पर भी है. गुरुवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां में आतंकियों ने तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर उनकी हत्या कर दी थी. शहीदों के शव घर पहुंचे तो पूरा गांव गम में डूब गया और सभी में खौफ फैल गया.

शनिवार तक करीब 35 SPO की नौकरी से इस्तीफा के एलान की खबर सामने आई है. हालांकि उन्होंने पुलिस विभाग को अब तक लिखित में इस्तीफा नहीं भेजा है. इस्तीफे का एलान स्थानीय मस्जिदों व सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करके किया गया है. सूत्रों के मुताबिक इस्तीफों की तस्दीक करने के लिए हिज्ब कमांडर रियाज नायकू के आतंकी पुलिसकर्मियों के घर जाकर उनसे इस्तीफे की कॉपी दिखाने को कह रहे हैं. यह भी पढ़ें- चीन ने फिर से की घुसपैठ की हिमाकत, 14 दिनों में 14 बार पार किया लद्दाख बॉर्डर

इस्तीफे की खबर मात्र अपवाह

घाटी में SPO के जवानों के इस्तीफे की खबर को राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बेबुनियाद बताते हुए अपवाह करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शरारती तत्वों द्वारा राज्य पुलिस का मनोबल गिराने और आम लोगों में डर पैदा करने लिए दुष्प्रचार का हिस्सा है. मामले में गृहमंत्रालय ने भी इस्तीफे की बात को नाकारा है. गृहमंत्रालय ने इसे आतंकियों का प्रोपोगेंडा करार दिया है. जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा पुष्टि की गई है कि ये खबरें गलत और प्रायोजित हैं. इन खबरों का मात्र मकसद घाटी में खौफ फैलाना है. यह भी पढ़ें- जनता बेहाल: पेट्रोल के दाम में शनिवार को भी हुई बढ़ोत्तरी, मुंबई में 90 के करीब, डीजल के दाम स्थिर

गृह मंत्रालय के अनुसार जम्मू-कश्मीर में पेशेवर और प्रतिबद्ध पुलिस बल है जो आने वाले पंचायत और शहरी निकाय चुनावों से जुड़ी चुनौतियों सहित सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. गृह मंत्रालय के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट में कहा गया है कि, ''वहां 30,000 से अधिक एसपीओ हैं और समय समय पर उनकी सेवाओं की समीक्षा की जाती है. कुछ शरारती तत्व ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे एसपीओ जिनकी सेवाओं का प्रशासनिक कारणों से नवीनीकरण नहीं किया गया हैं उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.''

 

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