Jalabhishek of Ram Lalla: 23 अप्रैल को होगा श्री रामलला का भव्य जलाभिषेक, पाकिस्तान, रूस-यूक्रेन समेत इन 155 देशों से लाया गया पवित्र जल
special jalabhishek of Ram Lalla | Photo: PTI/ANI

नई दिल्ली: रामनगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर (Shri Ram Mandir) का निर्माण कार्य जोर शोर से चल रहा है और जल्द ही करीब एक साल से कम वक्त में रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. इसी कड़ी में 23 अप्रैल श्री राम रामलला का एतिहासिक जलाभिषेक होना है. इस जलाभिषेक के लिए 155 देशों समेत 7 महाद्वीपों की नदियों और समुद्रों का जल भारत लाया गया है. इस पवित्र जल को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के घर पर रखा गया है. राम मंदिर के लिए अयोध्या भेजा जा रही है महाराष्ट्र से सागौन की लकड़ी, जानें इसकी चौकाने वाली खासियत.

दुनियाभर से लाए गए पवित्र जल को एक तांबे के पात्र में रखा गया है और उसे पीले रंग के राम-राम लिखे कपड़े से पैक किया गया है. दुनिया भर के देशों से लाए गए जलकलश पर उन देशों के झंडे, उनके नाम और नदियों के नाम वाले स्टीकर लगे दिख रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "155 देशों से पावन जल लाया गया है, ये बहुत ही ऐतिहासिक है. मैं विजय जोली और उनके सहयोगियों को इस कार्य के लिए बहुत धन्यवाद देता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं."

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर लाया गया 155 देशों का जल

विजय जॉली के नेतृत्व में एक टीम अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में भव्य 'जलाभिषेक' करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को विभिन्न महाद्वीपों के 155 देशों की नदियों का पानी सौंपेगी. रविवार 23 अप्रैल को मनीराम दास छावनी सभागार में आयोजित होने वाले समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ टीम से प्राप्त 'जल कलश' की पूजा करेंगे. इस कार्यक्रम में कई देशों के राजदूत भी शिरकत करेंगे.

पाकिस्तान सहित कई देशों से लाया लगाया जल

श्री राम मंदिर के एतिहासिक जलाभिषेक के लिए पाकिस्तान समेत दुनियाभर के 155 देशों से जल लाया गया. पाकिस्तान के साथ कटु संबधों के चलते वहां से जल लाना आसान नहीं था. राय के मुताबिक पाकिस्तान की नदियों का जल पहले पाकिस्तान के हिंदुओं ने दुबई भेजा और फिर दुबई से इसे दिल्ली लाया गया. अब इस जल को अयोध्या लाया जाएगा.

इसके अलावा रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग से भी यह कार्य और मुश्किल हो गया था, लेकिन प्रभु श्री राम की जन्मभूमि के जलाभिषेक के लिए दोनो देशों ने मदद की और दोनों ही देशों से जल लाया गया. पाकिस्तान के अलावा सूरीनाम, चीन, यूक्रेन, रूस, कजाकिस्तान, कनाडा और तिब्बत समेत कई अन्य देशों की नदियों का जल भी भगवान रामलला के जलाभिषेक के लिए लाया गया है.