झारखंड-महाराष्ट्र में बोलकर दिखाएं कि भारत का बंटवारा चाहते हैं, स्मृति ईरानी की उमर अब्दुल्ला को चुनौती
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 को लेकर मचे बवाल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीकों से चुनी गई सरकार विकास के मुद्दों पर काम करने की बजाय भारत को जोड़ने की बजाय तोड़ने का प्रमाण दे रही है.
नई दिल्ली, 7 नवंबर : जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 को लेकर मचे बवाल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीकों से चुनी गई सरकार विकास के मुद्दों पर काम करने की बजाय भारत को जोड़ने की बजाय तोड़ने का प्रमाण दे रही है. मैं कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं से कहना चाहती हूं कि अनुच्छेद 370 कभी पुनर्स्थापित नहीं होगा, भारत को विभाजित करने का उनका प्रयास कामयाब नहीं होगा.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भी चुनौती दी. उन्होंने कहा, " जहां तक अनुच्छेद 370 की बहाली के मुद्दे का सवाल है, मुझे नहीं पता कि उमर अब्दुल्ला ने क्या बयान दिया है. लेकिन, अगर उनमें हिम्मत है, तो मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि वह झारखंड और महाराष्ट्र में जाकर किसी भी मंच से यह बात बोल दें." यह भी पढ़ें : UP: यूपी में 10 नए संरक्षण गृहों के निर्माण पर 100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी योगी सरकार
भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, "बुधवार को इंडी गठबंधन ने जो प्रस्ताव पारित किया है, उसके तहत वह जम्मू-कश्मीर में भारत के संविधान के खिलाफ एक नई जंग लड़ते दिख रहे हैं. आज मैं इंडी गठबंधन के नेताओं से पूछना चाहती हूं कि भारत की संसद और सुप्रीम कोर्ट के फैसले जो सबको स्वीकार्य हैं, उसके निर्णय का अपमान और अवहेलना करने का अधिकार कांग्रेस और एनसी को देश में किसने दिया? मैं कांग्रेस, एनसी और इंडी गठबंधन के सभी नेताओं से पूछना चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद आदिवासी समाज को जो अधिकार मिले हैं, क्या कांग्रेस-एनसी सरकार उसके खिलाफ खड़ी होगी? दलितों और पिछड़े समाज को जो अधिकार मिले हैं, क्या उसके खिलाफ कांग्रेस-एनसी सरकार खड़ी होगी? कल का प्रस्ताव उग्रवाद और आतंकवाद के समर्थन में कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेताओं के रणनीतिक समर्थन को दर्शाता है.''
उन्होंने आगे कहा कि भारत में हर नागरिक को ज्ञात है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद नागरिकों की मृत्यु में 80 प्रतिशत की कमी आई है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी हुई है. लोकतांत्रिक तरीकों से चुनी गई सरकार विकास के मुद्दों पर काम करने की बजाय भारत को जोड़ने की बजाय तोड़ने का प्रमाण दे रही है. मैं कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं से कहना चाहती हूं कि अनुच्छेद 370 कभी पुनर्स्थापित नहीं होगा, भारत को विभाजित करने का उनका प्रयास कामयाब नहीं होगा.
दरअसल जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इंजीनियर राशिद के भाई और लेंगेट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख द्वारा अनुच्छेद 370 पर बैनर दिखाए जाने के बाद हंगामा हुआ था. जिसके बाद भाजपा नेताओं और उनके बीच नोकझोंक हो गई. इतना ही नहीं नौबत हाथापाई तक आ गई. जिसके चलते मार्शलों को बीच-बचाव करने के लिए आना पड़ा. जिस वक्त सदन में हंगामा हो रहा था उस दौरान खुद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला वहां मौजूद थे.