लखनऊ: बसपा के साथ गठबंधन लगभग खत्म होने के बीच सपा के राष्ट्रीय महासचिव रमाशंकर विद्यार्थी (Ramashankar Vidyarthi) ने मंगलवार को कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का साथ ना मिला होता तो बसपा का वजूद खत्म हो गया होता. विद्यार्थी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में बसपा से गठबंधन टूटने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा का साथ नहीं मिला होता तो बसपा का वजूद खत्म हो गया होता. उन्होंने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' वाली कहावत को चरितार्थ कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि सपा के मतदाताओं ने हर सीट पर महागठबंधन की विजय के लिये जीतोड़ कोशिश की. जिस दल और कार्यकर्ताओं के समर्थन की बदौलत मायावती अपने दल का अस्तित्व बचाने में सफल हुई हों, उन पर सवाल उठाना ठीक नहीं है. विद्यार्थी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा ने बसपा को समर्थन ही नहीं दिया बल्कि खुद को समर्पित कर दिया था। मायावती इस समर्पण को भूल समझ बैठी हैं. यह भी पढ़े: मायावती ने यादव वोटरों पर फोड़ा लोकसभा चुनाव में हार का ठीकरा, अखिलेश से कहा समाजवादी में करें बदलाव नहीं तो गठबंधन मुश्किल
मालूम हो कि आपसी गठबंधन को फिलहाल 'होल्ड' पर रखने के बसपा प्रमुख मायावती के ऐलान के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मंगलवार को अपनी राहें अलग करने के संकेत देते हुए कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ेगी।