लखनऊ, 8 फरवरी : रामचरितमानस को लेकर राजनीतिक विवाद खड़े करने वाले सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) चुप होने का नाम नहीं ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि मानस की कुछ चौपाइयों को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग को, कुछ लोग श्रीराम, हिंदू धर्म और रामचरितमानस से जोड़कर मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. स्वामी प्रसाद ने मौर्य ने बुधवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि मानस की आपत्तिजनक कुछ चौपाइयों को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग को, कुछ लोग श्रीराम, हिंदू धर्म और रामचरितमानस से जोड़कर मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे ही लोग महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों के 97 फीसद आबादी के सम्मान के विरोधी हैं.
इससे पहले उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री आप चुनाव के समय इन्हीं महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ो को हिंदू कहते हैं. आरएसएस प्रमुख, मोहन भागवत कहते हैं कि जाति पंडितों ने बनाई तो आखिर इन्हें नीच, अधम, प्रताड़ित, अपमानित करने वाली रामचरितमानस की आपत्तिजनक टिप्पणियों को हटाने हेतु पहल क्यों नहीं. यह भी पढ़ें : दिल्ली सरकार की फीडबैक इकाई ने ‘राजनीतिक खुफिया जानकारी’ एकत्र की : सीबीआई
उन्होंने कहा कि यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें. मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नहीं है.