अब मतदान के 48 घंटे पहले सोशल मीडिया पर नहीं कर सकेंगे पॉलिटिकल पोस्ट!
चुनावों के समय सोशल मीडिया के दुरूपयोग को रोकने के लिए इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने सभी तैयारिया पूरी कर ली है. सोशल मीडिया कंपनियां इसके लिए तैयार हो गई हैं. ऐसा मान सकते है कि चुनाव के दौरान सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक, टि्वटर और व्हाट्सऐप पर आचार संहिता लग जाएगी.
मुंबई: चुनावों के समय सोशल मीडिया के दुरूपयोग को रोकने के लिए इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने सभी तैयारिया पूरी कर ली है. सोशल मीडिया कंपनियां इसके लिए तैयार हो गई हैं. ऐसा मान सकते है कि चुनाव के दौरान सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक, टि्वटर और व्हाट्सऐप पर आचार संहिता लग जाएगी. दरअसल सोशल मीडिया कंपनियों और चुनाव आयोग के बीच इसे लेकर कई बैठके हुई.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने कहा तीनों प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों के साथ इलेक्शन कमीशन की बातचीत पूरी हो चुकी है और सभी इसके लिए तैयार है. रावत ने कहा कंपनियां ऐसी पोस्ट करेंगी जो हेल्दी कैंपेनिंग में शामिल होंगी. कंपनियां यह कार्रवाई पूरी तरह से उनकी खुद की इच्छा से कर रही है.
बैठकों के बाद तय हुआ है कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव के 48 घंटे पहले फेसबुक, टि्वटर और गूगल पर साइलेंस पीरियड होगा. इस दौरान कोई राजनीतिक विज्ञापन सोशल मीडिया पर जारी नहीं किए जाएंगे. कंपनी ऐसे विज्ञापनों को रोकने के लिए राजनीतिक दल, राजनीतिक नेता या उम्मीदवार के पक्ष में फेसबुक, वॉट्सऐप, गूगल और ट्विटर पर पोस्ट की जाने वाली सभी प्रायोजित सामग्रियों और उन्हें पोस्ट करने वालों को फ्लैग कर दिया जाएगा.
इसके साथ ही सभी कंपनियों ने फेक न्यूज को कंट्रोल करने के लिए भी हामी भारी है. गौरतलब हो कि देश में इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव से राजनीति भी अछूती नहीं रही है. देश में सभी प्रमुख दल और उनके नेता आज सोशल मीडिया के जरिए ही न केवल अपनी बातें लोगों तक पहुंचा रहे हैं, बल्कि नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी चल रहा है.
सोशल मीडिया के जानकार भी कहते हैं कि इसका इस्तेमाल करने वालों में अधिकतर युवा लोग हैं और जाहिर है युवाओं तक पहुंचने के लिए हर संगठन और संस्थान इंटरनेट, सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है. ऐसे में आगामी चुनावों में सोशल साइटों पर नेता और भी सक्रिय होंगे. कुछ बड़ी पार्टिया और नेता इसके लिए सोशल मीडिया विशेषज्ञों का भी सहारा लेते है.