J-K: शोपियां एनकाउंटर में बड़ा खुलासा, सेना के कैप्टन और दो अन्य ने साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की

जम्मू कश्मीर के शोपियां में पिछले वर्ष जुलाई में हुई फर्जी मुठभेड़ के मामले में पुलिस के आरोप पत्र में कहा गया है कि सेना के कैप्टन और दो अन्य आरोपियों ने मारे गए तीन युवकों के पास रखे गए हथियारों के स्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है और इन लोगों ने साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की थी.

मुठभेड़ (Photo credit-ANI)

शोपियां, 24 जनवरी : जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के शोपियां में पिछले वर्ष जुलाई में हुई फर्जी मुठभेड़ के मामले में पुलिस के आरोप पत्र में कहा गया है कि सेना के कैप्टन और दो अन्य आरोपियों ने मारे गए तीन युवकों के पास रखे गए हथियारों के स्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है और इन लोगों ने साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की थी. जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष जांच दल (Sit) ने यहां मुख्य मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल अपने आरोप पत्र में कहा है कि कैप्टन भूपेन्द्र सिंह ने मुठभेड़ में मिले सामान के बारे में अपने वरिष्ठों और पुलिस को गलत सूचना दी थी.

यह मामला 18 जुलाई, 2020 को शोपियां के अम्शीपुरा में हुई मुठभेड़ से जुड़ा है जिसमें तीन युवक मारे गए थे और उन्हें आतंकवादी करार दिया गया था. बाद में सोशल मीडिया में खबरें आईं कि तीनों युवक निर्दोष थे जिसके बाद सेना ने ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ’ के आदेश दिए थे. आरोप पत्र में कहा गया कि शवों के पास रखे गये अवैध हथियारों के स्रोत के बारे में आरोपियों से कोई जानकारी नहीं मिली है. यह भी पढ़ें : Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी गोलीबारी में सेना का एक जवान शहीद

इसमें कहा गया है कि मुठभेड़ की रूपरेखा तैयार करते समय तीनों आरोपियों ने अपराध के साक्ष्यों को जानबूझ कर नष्ट किया और पुरस्कार के 20 लाख रुपए पाने के लिए उनके बीच बनी आपराधिक साजिश के तहत वे गलत सूचनाएं देते रहे. सेना ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि उसके कैप्टन ने 20 लाख रुपये के लिए मुठभेड़ की साजिश रची थी. आरोप पत्र में कहा गया है, ‘‘आरोपी कैप्टन सिंह द्वारा सबूतों को नष्ट किया गया.’’

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