भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में किसानों (Farmers) से कर्जमाफी का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस (Congress) के लिए मुसीबतें बढ़ती चली जा रही है. दरअसल सूबे में कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू होने के बाद कई गड़बड़ियां सामने आने लगी हैं. जिस वजह से किसान खुलकर कमलनाथ (Kamal Nath) सरकार के विरोध में आ गए है.
किसानों को लाभ देने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर कर्जदारों की लिस्ट लगाई गई. लेकिन इस सूची में कई गड़बड़ियों ने किसानों की चिंता कम करने के बजाय बढ़ा दी है. कई जगहों पर किसानों ने कर्ज ही नहीं लिया है फिर भी उन्हें एक से दो लाख रुपये तक का कर्जदार बताया गया है. साथ ही कई जिले में तो किसानो को तो 100 रुपए से भी कम का कर्ज माफ़ किया गया है. मालवा जिले में एक किसान का कर्ज लगभग 24 हजार रुपये था और माफ हुआ मात्र 13 रुपये. ऐसे ही एक और कर्जदार है जिनका नाम तो कर्जमाफी की लिस्ट में है लेकिन कर्ज के नाम पर महज 13 रुपए माफ हुए है.
MP:A farmer of Agar Malwa's Nipania Baijnath alleges his name was included in list of farm loan waiver,stating only Rs 13 waived off from loan of Rs 20000.Says,"My loan of Rs 20000 must be waived off as govt is waiving off loans up to Rs 2 Lakh.Officials say can do nothing.(21.1) pic.twitter.com/dtn2QkrW2J
— ANI (@ANI) January 24, 2019
इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सूबे की कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है. चौहान ने कहा कि कर्जमाफी के नाम पर किसानों के 10 रुपये, 20 रुपये और 50 रुपये माफ किए जा रहे हैं. यह कर्ज से जूझ रहे किसानों के साथ भद्दा मजाक है.
Shivraj Chouhan: The news that people are being given Rs 10, Rs 20 & Rs 50 in the name of farm loan waivers is a cruel joke. Y'day, I checked a list of farm loan waiver beneficiaries, half of the list was in English. How will the farmers be able to understand it? pic.twitter.com/Z4tcJJcUme
— ANI (@ANI) January 24, 2019
उन्होंने आगे कहा एक दिन पहले मैं कर्जमाफी की लिस्ट चेक कर रहा था, जिसमें किसानों का नाम अंग्रेजी में लिखा हुआ है. इसे हिन्दी में लिखा होना चाहिए था, आखिर सभी किसान अंग्रेजी कैसे समझेंगे.
शिवराज ने कहा कि कांग्रेस सरकार भी राहुल गांधी की तरह कनफ्यूज लगती है. भावांतर योजना के लिए राशि तो मैं सरकार में रहते हुये रख आया था, लेकिन कांग्रेस सरकार कभी कहती है ये योजना बंद करेंगे, तो हमारे विरोध पर कहती है कि चालू रखेंगे, तो आखिर किसानों को पैसे देती क्यों नहीं?
गौरतलब हो कि राज्य सरकार ने किसानों की कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू की है. दो लाख तक के कर्ज को माफ करने के लिए 15 जनवरी को आवेदन भरवाने का सिलसिला शुरू हो चुका है. राज्य में पांच फरवरी तक आवेदन भरे जाने हैं और 22 फरवरी से कर्ज की राशि किसानों के खातों में जाने लगेगी.