शिया वक्फ बोर्ड की मांग, देश में चांद-तारे वाले हरे झंडे फहराने पर लगे रोक
शिया वक्फ बोर्ड चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी का कहना है कि पड़ोसी मुल्क अपना दुश्मन है उस देश का झंडा यदि वहा की राजनीतिक पार्टियों से मेल खा रहा है ऐसे झंडो का देश में फहराया नही जाना चाहिए
नई दिल्ली: देश के कुछ धार्मिक स्थलों और इमारतों पर चांद-तारे वाले हरा झंडा फहराया जाता है. इन झंडो पर शिया वक्फ बोर्ड एतराज जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल किया है. कोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक देश में फहराया जाने वाला यह झंडा धार्मिक नहीं हैं. बल्कि यह पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी मुस्लिम लीग के झंडा से मिलाता जुलता है. इसलिए देश में फहराए जाने वाले इस झंडे पर रोक लगाया जाना चाहिए.
शिया वक्फ बोर्ड चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी का कहना है कि पड़ोसी मुल्क अपना दुश्मन है उस देश का झंडा यदि वहा की राजनीतिक पार्टियों से मेल खा रहा है ऐसे झंडो का देश में फहराया नही जाना चाहिए. यदि ऐसे झंडे हमारे देश में फहराया जाता है तो आने वाले दिनों में देश में हिन्दू और मुस्लिम के बीच जो भाईचारा है ख़त्म हो सकता है. याचिका में इस बात की भी दलील दे गई है कि झंडे पर पाबंदी नही लगाया गया तो आने वाले दिनों में दोनों समुदाय के बीच तनाव भी पैदा कर सकता है.
बता दें कि भारत में जिस झंडे को फहराए जाने का विरोध हो रहा है. वह झंडा नवाज वकार उल-मलिक और मोहम्मद अली जिन्ना ने 1906 में राजनीतिक दल मुस्लिम लीग के स्थापना की थी उस समय ऐसा झंडा लहराया गया था. जिसके बाद से ही देश में अभी भी फहराया जा रहा है.