Shabana Mahmood UK Home Secretary: कौन हैं शबाना महमूद? जानें कैसे कश्मीरी बेटी बनी ब्रिटेन की नई 'गृह मंत्री'
कश्मीरी मूल की वरिष्ठ नेता शबाना महमूद को ब्रिटेन का नया गृह सचिव (Home Secretary) नियुक्त किया गया है. वह प्रवासन (Immigration) पर अपने सख्त विचारों और कड़े नियमों की वकालत के लिए जानी जाती हैं. उनकी यह नियुक्ति ब्रिटेन के प्रवासी संकट के बीच हुई है और सरकार में किसी मुस्लिम महिला के लिए यह एक ऐतिहासिक पद है.
Who is Shabana Mahmood? ब्रिटेन की राजनीति में हाल ही में एक बड़ा फेरबदल हुआ है, जिसमें एक प्रमुख नाम सबकी ज़ुबान पर है - शबाना महमूद. उन्हें ब्रिटेन का नया गृह सचिव (Home Secretary) नियुक्त किया गया है. यह पद ब्रिटेन की सरकार में सबसे शक्तिशाली और चुनौतीपूर्ण पदों में से एक माना जाता है, जो भारत के गृह मंत्री के पद के बराबर है.
शबाना महमूद का इस पद पर पहुंचना कई मायनों में खास है. वह कश्मीरी मूल के अप्रवासी माता-पिता की बेटी हैं और ब्रिटेन सरकार में सबसे वरिष्ठ मुस्लिम महिला नेता हैं.
नई भूमिका और बड़ी चुनौतियां
गृह सचिव के तौर पर शबाना महमूद के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं. इन दिनों ब्रिटेन में प्रवासन (Migration) और शरणार्थियों का मुद्दा गरमाया हुआ है. उनकी मुख्य जिम्मेदारियों में शामिल होगा:
- चैनल क्रॉसिंग को रोकना: छोटी नावों के जरिए इंग्लिश चैनल पार करके रिकॉर्ड संख्या में प्रवासियों का ब्रिटेन आना एक बड़ी समस्या है. इस पर लगाम लगाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी.
- शरणार्थी संकट: शरण चाहने वाले लोगों को होटलों में ठहराने पर सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इस व्यवस्था को बदलना और एक स्थायी समाधान निकालना एक बड़ी चुनौती है.
- प्रवासन नीति: ब्रिटेन की माइग्रेशन नीतियों को सख्त और प्रभावी बनाना, ताकि देश में आने वाले लोगों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके.
पिछला कार्यकाल और अनुभव
नई भूमिका से पहले, शबाना महमूद लॉर्ड चांसलर और न्याय सचिव (Justice Secretary) के पद पर थीं. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण काम किए:
- जेलों में भीड़ कम करना: उन्होंने जेलों में बढ़ती भीड़ की समस्या से निपटने के लिए एक बड़ा कानून संसद में पेश किया.
- अदालती बैकलॉग: अदालतों में लंबित मामलों को निपटाने पर भी उन्होंने काफी ध्यान दिया.
- विदेशी अपराधियों का निर्वासन: उन्होंने एक ऐसे कानून का प्रस्ताव रखा जिसके तहत विदेशी अपराधियों को जेल की सज़ा मिलते ही तुरंत उनके देश वापस भेज दिया जाएगा.
यह अनुभव उन्हें अपनी नई भूमिका में मदद करेगा, क्योंकि प्रवासन और न्याय प्रणाली अक्सर एक-दूसरे से जुड़े होते हैं.
प्रवासन और मानवाधिकारों पर शबाना के विचार
शबाना महमूद प्रवासन के मुद्दे पर काफी सख्त विचार रखती हैं.
- नियंत्रित प्रवासन की समर्थक: उनका मानना है कि अगर प्रवासन पर सख्त नियम नहीं बनाए गए, तो ब्रिटेन "अजनबियों का द्वीप" बनकर रह जाएगा. वह कहती हैं कि प्रवासन की गति इतनी होनी चाहिए कि बाहर से आने वाले लोग देश में ठीक से घुल-मिल सकें.
- यूरोपीय मानवाधिकार संधि (ECHR) में सुधार: शबाना का मानना है कि यूरोपीय मानवाधिकार संधि में सुधार की ज़रूरत है ताकि जनता का विश्वास बना रहे. उन्होंने कहा है कि इस संधि के आर्टिकल 8, जो "परिवार और निजी जीवन के अधिकार" की बात करता है, का इस्तेमाल अक्सर अप्रवासी देश में रुकने के लिए करते हैं. वह इस नियम को सख्त बनाने के पक्ष में हैं.
- अपने क्षेत्र के लोगों की आवाज़: शबाना बर्मिंघम लेडीवुड से सांसद हैं, जहां 70% आबादी गैर-श्वेत है. वह कहती हैं कि उनके क्षेत्र के लोग, जिनमें से कई खुद अप्रवासी हैं, चाहते हैं कि देश में एक निष्पक्ष और नियमों पर आधारित माइग्रेशन सिस्टम हो.
कौन है "ब्लू लेबर" समूह?
शबाना महमूद ने खुद को सामाजिक रूप से रूढ़िवादी माने जाने वाले "ब्लू लेबर" समूह से जुड़ा हुआ बताया है. यह लेबर पार्टी के भीतर का एक ऐसा समूह है जो पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों, समुदाय और राष्ट्रवाद पर ज़ोर देता है.
उनकी नियुक्ति पर प्रतिक्रियाएं
शबाना महमूद की नियुक्ति का "ब्लू लेबर" के संस्थापक लॉर्ड ग्लासमैन ने स्वागत करते हुए इसे "शानदार" बताया. वहीं, रिफ्यूजी काउंसिल जैसी संस्थाओं का कहना है कि शबाना के सामने चुनौतियां बहुत बड़ी हैं. उन्हें शरणार्थियों के लिए होटलों का इस्तेमाल बंद करने, उनके आवेदनों पर तेज़ी से फैसला लेने और संघर्ष वाले इलाकों से आ रहे लोगों के लिए सुरक्षित रास्ते बनाने पर काम करना होगा.
शबाना महमूद एक अनुभवी, सख्त और स्पष्ट विचारों वाली नेता हैं, जिनका गृह सचिव बनना ब्रिटेन की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है. एक अप्रवासी परिवार से आने वाली महिला का देश के सबसे शक्तिशाली पदों में से एक पर पहुंचना अपने आप में एक बड़ी कहानी है. अब देखना यह होगा कि वह ब्रिटेन की सबसे बड़ी चुनौतियों से कैसे निपटती हैं.