Satya Pal Malik On Pulwama Attack: सत्यपाल मलिक के दावे पर सियासी तूफान, पुलवामा हमले पर दिया बयान हो रहा वायरल
विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा शनिवार को पुलवामा हमले सहित विभिन्न मुद्दों पर दिए गए बयानों पर सफाई देनी चाहिए.
मुंबई, 15 अप्रैल: विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा शनिवार को पुलवामा हमले सहित विभिन्न मुद्दों पर दिए गए बयानों पर सफाई देनी चाहिए. मलिक के भ्रष्टाचार, किसानों और फरवरी 2019 के पुलवामा हमले को 'गंभीर' और सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा करार देने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे और शिवसेना (यूबीटी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता किशोर तिवारी ने कहा है कि आरोपों की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए. यह भी पढ़ें: HC On Same-Sex Marriage: समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई
पटोले ने कहा, मलिक के आरोपों से कई सवाल खड़े होते हैं। जब पुलवामा हमले में सरकार की गलती की ओर इशारा किया गया, जिसके कारण 40 सैनिकों की मौत हो गई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें चुप रहने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि अगर यह सच है तो लोगों के मन में संदेह पैदा किया जाता है और जवानों के लिए हवाई जहाज भेजने की मांग को खारिज क्यों किया गया, इस्तेमाल किया गया 300 किलो आरडीएक्स कहां से आया और अन्य भयावह खामियां जो मोदी सरकार पर उंगली उठाती हैं.
तापसे ने कहा कि मलिक के बयान इतने 'गंभीर' हैं कि उनकी उपेक्षा नहीं की जा सकती और प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए, क्योंकि उन्हें राष्ट्र और शहीद सैनिकों के परिवारों को स्पष्टीकरण देना है. तिवारी ने बताया कि मलिक के विस्फोटक खुलासों ने पीएम, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय पर उंगलियां उठाईं और 'राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाव' संभव हो सकते थे.
उन्होंने कहा, मलिक ने जो खुलासा किया है वह हिमशैल की नोक की तरह हो सकता है. वास्तव में इसके नीचे क्या है जो अभी तक सामने नहीं आया है, यह देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के लिए क्या दर्शाता है, और इसे 4 वर्षों से क्यों दबा कर रखा गया है, इसकी स्वतंत्र जांच की जरूरत है.
मलिक के आरोपों का उल्लेख करते हुए कि आरएसएस नेता राम माधव ने उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी, कांग्रेस नेता ने कहा कि यह मोदी और भाजपा द्वारा नियुक्त पूर्व राज्यपाल बोल रहे हैं जो दावा करते हैं कि वे किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को नहीं बख्शेंगे. लेकिन अब, वे खुद इस पर पूरी तरह से चुप हैं.
पटोले ने आग्रह किया, बीजेपी के वरिष्ठ नेता द्वारा खुले तौर पर दिए गए ये सभी बयान सरकार पर संदेह गहराते हैं और इसलिए यह खुद पीएम मोदी पर निर्भर है कि वह इस मामले में सही तथ्यों का खुलासा करें. तिवारी ने चेतावनी दी कि अगर भाजपा मलिक के आरोपों को कालीन के नीचे दबाने का प्रयास करती है, तो इसे न केवल सच माना जाएगा, बल्कि देश के लोगों, किसानों और देश के लिए जान देने वाले सैनिकों के साथ जानबूझकर की गई धोखाधड़ी के समान होगा.