Satta Bazar on Haryana Election: हरियाणा चुनाव में सट्टा किंग की भविष्यवाणी से आया भूचाल! जानें बाजार में किसकी जीत पर लग रही है बाजी

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित होंगे, तब यह स्पष्ट होगा कि सट्टा बाजार का आकलन कितना सटीक था. इन चुनावों ने सट्टा किंग के अनुमान और राजनीतिक दलों के रणनीतिक खेल को एक नया मोड़ दिया है.

Satta King on Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में सट्टा किंग ने एक दिन पहले ही विजेता दल की घोषणा कर दी है. यह घोषणा सट्टा बाजार की ओर से की गई है, जिसने कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत की ओर इशारा किया है. आइए जानते हैं कि सट्टा बाजार ने किस तरह का आकलन किया है और इससे किन राजनीतिक दलों में हलचल मच गई है.

हरियाणा चुनाव पर सट्टा बाजार की भविष्यवाणी

हरियाणा विधानसभा चुनाव में सट्टा बाजार ने कांग्रेस को 55 से 58 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है. वहीं, बीजेपी को 24 से 26 सीटों पर सिमटने का अनुमान है. फलोदी सट्टा बाजार ने ये आंकड़े चुनाव प्रचार के समाप्त होने के बाद जारी किए हैं. खास बात यह है कि सट्टा किंग ने चुनाव प्रचार की शुरुआत में जो दांव लगाया था, उसमें कोई बदलाव नहीं किया है.

हरियाणा चुनाव रिजल्ट के बाद गठबंधन की संभावनाएं 

सट्टा बाजार ने पहले आकलन में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की संभावना जताई थी, जिसमें दोनों दलों को 50 से अधिक सीटें मिल सकती थीं. हालांकि, जब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन नहीं हुआ, तो सट्टा बाजार को अपनी भविष्यवाणी में संशोधन करना पड़ा.

सट्टा किंग की भविष्यवाणियां कितनी सही होती है?

कांग्रेस समर्थकों के चेहरे पर खुशी हो सकती है, लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सट्टा किंग की भविष्यवाणियां हमेशा सही नहीं होतीं. ये भविष्यवाणियाँ आमतौर पर सट्टा कारोबारियों के मुनाफे के लिए होती हैं, ताकि लोग उनकी भविष्यवाणियों के अनुरूप दांव खेल सकें. यदि नतीजे विपरीत आते हैं, तो सट्टा कारोबारी भारी मुनाफा कमा सकते हैं.

इस चुनाव में इनेलो-बसपा गठबंधन, जेजेपी-एएसपी गठबंधन और आम आदमी पार्टी के स्वतंत्र चुनावी अभियान को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. विशेषकर इनेलो-बसपा का गठबंधन किंग मेकर की भूमिका में आ सकता है. ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि बीजेपी या कांग्रेस में से किसी को स्पष्ट बहुमत मिलेगा या नहीं.

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित होंगे, तब यह स्पष्ट होगा कि सट्टा बाजार का आकलन कितना सटीक था. इन चुनावों ने सट्टा किंग के अनुमान और राजनीतिक दलों के रणनीतिक खेल को एक नया मोड़ दिया है. क्या कांग्रेस अपनी जीत के सपने को पूरा कर पाएगी या बीजेपी अपनी स्थिति को मजबूत करेगी? यह सवाल चुनावी नतीजों के साथ ही जवाब देगा.

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है. इसमें दी गई जानकारी सट्टा या किसी भी प्रकार की जुए की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नहीं है. चुनावों और सट्टा बाजार से संबंधित सभी जानकारी सट्टा बाजार के आंकड़ों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है, और यह हमेशा सही नहीं हो सकती है. पाठकों से अनुरोध है कि वे इस जानकारी का उपयोग अपने विवेक और जिम्मेदारी से करें. चुनाव परिणाम और राजनीतिक परिस्थितियां बदल सकती हैं, और हम किसी भी प्रकार के नुकसान या नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं.

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