मुंबई: किसानों का अर्धनग्न मोर्चा, मंत्रालय का घेराव करने से पहले पुलिस ने रोका
दरअसल पिछले 10 साल पहले सातारा जिले के केसरडी, खंडाला ,बापडा, मायशो ,मोरवे ,अहिरे , धनगरवाडी गांव के किसानों की जमीन एमआईडीसी (महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के एक परियोजना के लिए ली गई थी.
मुंबई: महाराष्ट्र के सातारा जिले (Satara District) के सैकड़ों किसान (Farmers) अपनी प्रमुख मांगो को लेकर सोमवार को मंत्रालय के सामने अर्धनग्न अवस्था में मोर्चा निकालने वाले थे. उनका मोर्चा सातारा से चलकर रविवार को मुंबई पहुंचा. इस बीच इसकी भनक पुलिस को लगने के बाद पुलिस ने उनका मोर्चा मानखुर्द (Mankhurd) में ही रोक दिया. ये सभी किसान एमआईडीसी (MIDC) द्वारा लिए गए उनके जमीन के बदले उन्हें सही मुआवजा और पुनर्वसन नहीं दिए जाने से नाराज होकर ये सरकार के खिलाफ मोर्चा निकाल रहे थे.
दरअसल पिछले 10 साल पहले सातारा जिले के केसरडी, खंडाला ,बापडा, मायशो ,मोरवे ,अहिरे , धनगरवाडी गांव के किसानों की जमीन एमआईडीसी (महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के एक परियोजना के लिए ली गई थी. इसके बदले में उन्हें सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि उन्हें सही मुआवजा और पुनर्वसन दिया जाएगा. लेकिन सरकार की तरह से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. जिससे नाराज होकर ये पीड़ित किसान अपने लिए सही मुआवजा और अपने पुनर्वसन के लिए सरकार से पिछले कुछ साल से मांग कर रहे थे. उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर उन्होंने सोमवार को मंत्रालय के सामने मोर्चा निकालने को लेकर फैसला लिया था. यह भी पढ़े: मुंबई: महाराष्ट्र सरकार की फिर से बढ़ सकती है मुश्किलें, अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हजारों किसान
वहीं इन किसानों के मोर्चा को रोके जाने के बाद उद्योग मंत्री सुभाष देसाई घटना स्थल पहुंचे. जहां पर उन्होंने किसानों को समझाते हुए आश्वासन दिया है कि उनकी मांगे पूरा की जाएंगी. उनके आश्वासन के बाद पीड़ित किसानों ने कहा है कि यदि उनकी मांगो को नजरअंदाज किया गया तो उनका आंदोलन रुकने वाला नहीं है. बल्कि और तेज हो सकता है.