नई दिल्ली: गंगा नदी के संरक्षण को लेकर111 दिनों से अनशन कर रहे स्वामी आनंद की मौत को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है. जाने - माने पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के आकस्मिक निधन से एक ओर जहां संत समाज गुस्से में है वहीं कुछ लोग उनकी मौत को हत्या भी करार दे रहें हैं. जिस मातृ सदन में स्वामी सानंद ने अनशन किया वे लोग उनकी मौत को हत्या बता रहा है. और एक केंद्रीय मंत्री पर इसका आरोप लगा रहें है. स्वामी सानंद के गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने मौत की सीबीआई जांच की मांग की है.
मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद महाराज का कहना है कि उनकी मौत नहीं हुई बल्कि यह हत्या है. 'मातृसदन' के प्रमुख परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने उनकी मौत की उच्च्स्तरीय जांच की मांग की है. महाराज ने कहा कि ''धारा 144 लगाकर जबरन उठा कर ले गए. हमने कहा कि स्टे लाने का समय दीजिए तो वो भी नहीं दिया. अब कह रहे हैं कि हार्ट अटैक से निधन हुआ, स्वामी शिवानंद महाराज का कहना है कि स्वामी सानंद यहां बिल्कुल ठीक हो गए थे, उन्होंने यहां विरोध भी किया. शिवानंद महाराज ने सवाल उठाया कि हार्ट अटैक यहां क्यों नहीं आया, जब उन्हें यहां से उठा लिया गया तब ही हार्ट अटैक कैसे आया.
यह मौत नहीं प्रत्यक्ष हत्या है
स्वामी शिवानंद जी महाराज ने कहा, ''पुलिस वाले उन्हें जबरदस्ती ले जा रहे थे और हमसे कह रहे थे कि आपसे सहयोग की उम्मीद है. डीएम, एसडीएस, सीओ सिटी, एम्स डायरेक्टर इनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. हम मामले में जांच की मांग कर रहे हैं क्योंकि ये प्रत्यक्ष हत्या है.''
मौत की CBI जांच की मांग
स्वामी सानंद के गुरु गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने उनकी मौत की सीबीआई जांच की मांग की है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्वामी सानंद के शव के पोस्टमार्टम के साथ-साथ उनके पार्थिव शरीर को काशी हिंदू विश्वविद्यालय को सौंपने की भी मांग की है. यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में सत्ता पाने के लिए AAP ने खेला बड़ा दांव: इस वजह से बनाया आदिवासी युवा नेता को CM उम्मीदवार
धारा 144 लगाकर जबरन उठाया गया था
हरिद्वार स्थित मातृ सदन में पिछले 22 जून से अनशन कर रहे स्वामी सानंद के बुधवार को जल त्यागने के बाद प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया था. हरिद्वार जिला प्रशासन ने उनके आश्रम परिसर के चारों ओर धारा 144 लगाकर उन्हें बुधवार को जबरन उठा कर एम्स में भर्ती करा दिया था.
अस्पताल प्रशासन ने दिल के दौरे को बताया मौत की वजह
डॉ रविकांत ने बताया कि आज दोपहर स्वामी सानंद को दिल का दौरा पडा और काफी कोशिश के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका. उन्होंने बताया कि स्वामी सानन्द को उच्च रक्तचाप, हर्निया के साथ - साथ कोरोनरी आर्टरी रोग भी था तथा अनशन के कारण उनकी सेहत और बिगड़ गयी थी.
गौरतलब है कि इससे पहले, केंद्र सरकार की ओर से आश्वासन लेकर पहुंचे हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के अनशन तोडने के अनुरोध को उन्होंने ठुकरा दिया था. स्वामी सानंद ने 9 सितंबर को घोषणा की थी कि वह अक्टूबर में जल त्याग देंगे, जिसके बाद 11 सितंबर को नेशनल मिशन फॉर गंगा क्लीनिंग के निदेशक ने उनसे वार्ता की और 13 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें समर्थन दिया था.