2007 समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट: पंचकूला के स्पेशल NIA कोर्ट ने 14 मार्च तक सुरक्षित रखा फैसला
बता दें कि असीमानंद 2007 के समझौता एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट (Samjhauta Express) मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. इससे पहले वह 2007 के अजमेर दरगाह विस्फोट मामले में दोषमुक्त करार दिए गए थे. गुजरात निवासी और वनवासी कल्याण आश्रम के प्रमुख असीमानंद पूर्व में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े थे
हरियाणा के पंचकूला की स्पेशल एनआईए (National Investigation Team) कोर्ट समझौता ब्लास्ट केस (Samjhauta Blast Case) मामले में कोर्ट ने सोमवार को फैसला 14 मार्च तक सुरक्षित रख लिया है. इससे पहले अदालत ने इस मामले पर बहस पूरी होने के बाद फैसला अपने पास 11 मार्च तक सुरक्षित रख लिया था. मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद (Aseemanand), लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंद्र चौधरी है. बता दें इस मामले में कुल आठ आरोपी थे लेकिन उनमे से एक की मौत हो गई और तीन को भगोड़ा घोषित किया हुआ है.
बता दें कि असीमानंद 2007 के समझौता एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट (Samjhauta Express) मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. इससे पहले वह 2007 के अजमेर दरगाह विस्फोट मामले में दोषमुक्त करार दिए गए थे. गुजरात निवासी और वनवासी कल्याण आश्रम के प्रमुख असीमानंद पूर्व में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े थे.
करीब 70 साल के असीमानंद हरियाणा के पानीपत के निकट समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट के मामले में वर्तमान में जमानत पर हैं. नई दिल्ली व पाकिस्तान के लाहौर के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी, 2007 को हुए विस्फोट में 68 लोगों की मौत हो गई थी.