Sameer Wankhede Defamation Case: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने सोमवार को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के मुंबई क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े द्वारा दायर 1.25 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमे में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मलिक के वकील अतुल दामले द्वारा यह वचन देने से इनकार करने के बाद कि मंत्री टिप्पणी पोस्ट नहीं करेंगे या मीडिया को संबोधित नहीं करेंगे, न्यायमूर्ति एम. जे. जामदार ने अब मामले को बुधवार (10 नवंबर) को अंतरिम राहत पर आगे की सुनवाई के लिए निर्धारित कर दिया है.
यह कहते हुए कि मलिक लगभग हर दिन कुछ पोस्ट कर रहे हैं, वानखेड़े के वकील अरशद शेख ने जवाब मांगने को आवश्यक बताते हुए अंतरिम राहत मांगी, जिससे मंत्री अगले कुछ दिनों तक उनके मुवक्किल को लेकर चुप रहेंगे. अन्य बातों के अलावा, वानखेड़े ने मलिक, उनके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों और अन्य सभी को वानखेड़े परिवार से संबंधित किसी भी तरह की मानहानिकारक सामग्री के प्रकाशन, लेखन, मीडिया से बात करने से रोकने के लिए स्थायी रोक लगाने की मांग की है. यह भी पढ़े: Sameer Wankhede: एनसीबी के विवादास्पद अधिकारी समीर वानखेड़े क्रूज ड्रग्स मामले की जांच से हटाए गए
उन्होंने अपने और अपने परिवार के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में लेखों, साक्षात्कारों, ट्वीट्स को हटाने की भी मांग की, जो कष्टप्रद और अपमानजनक प्रकृति हैं. वानखेड़े ने मलिक की ओर से उनके परिवार के बारे में की गई टिप्पणी से हुई अपूरणीय क्षति और उनकी प्रतिष्ठा एवं सामाजिक छवि को पहुंचे नुकसान के लिए 1.25 करोड़ के हर्जाने की भी मांग की.
मानहानि का मुकदमा पिछले हफ्ते तब सामने आया, जब मलिक ने 2 अक्टूबर को कार्डेलिया क्रूज पर कथित रेव पार्टी छापे के मद्देनजर पिछले एक महीने से अधिक समय से समीर वानखेड़े और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ सनसनीखेज खुलासे और आरोप लगाए हैं.