Retail Inflation Rises: सितंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.49 फीसदी पहुंची; बढ़ती खाद्य कीमतों से जनता पर दबाव

सितंबर 2024 में भारत की खुदरा महंगाई दर में तेज़ी से उछाल देखने को मिला, जो 5.49% पर पहुंच गई. इसका मुख्य कारण बदलते मौसम के हालात और उच्च बेस इफेक्ट को माना जा रहा है.

Retail Inflation Rises: सितंबर 2024 में भारत की खुदरा महंगाई दर में तेज़ी से उछाल देखने को मिला, जो 5.49% पर पहुंच गई. इसका मुख्य कारण बदलते मौसम के हालात और उच्च बेस इफेक्ट को माना जा रहा है. अगस्त 2024 में खुदरा महंगाई दर 3.65% थी, जबकि जुलाई 2024 में यह 3.54% पर थी. इस बड़ी बढ़ोतरी ने यह साफ़ कर दिया है कि महंगाई का सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है, खासतौर से खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी से.

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ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अंतर

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच महंगाई के असर में भी अंतर देखने को मिला. जहां ग्रामीण इलाकों की महंगाई दर 5.87% रही, वहीं शहरी क्षेत्रों में यह 5.05% दर्ज की गई. इसका मतलब यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई का असर और अधिक गंभीर हो सकता है, जहां लोग पहले से ही सीमित संसाधनों के साथ जी रहे हैं.

खाद्य वस्तुओं की महंगाई में उछाल

खास तौर पर खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली. उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) के अनुसार, खाद्य महंगाई दर सालाना आधार पर 9.24% रही. ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य महंगाई 9.08% और शहरी क्षेत्रों में 9.56% दर्ज की गई. इस बढ़ोतरी ने घरेलू खर्चों पर दबाव बढ़ा दिया है, क्योंकि अनाज, सब्जियां और अन्य आवश्यक वस्तुएं अब महंगी हो चुकी हैं.

अन्य क्षेत्रों में महंगाई

खाद्य वस्तुओं के अलावा, अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी महंगाई देखी गई. सितंबर 2024 में आवासीय महंगाई दर 2.78% रही, जो अगस्त 2024 में 2.66% थी. हालांकि, यह आंकड़ा केवल शहरी क्षेत्रों के लिए है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि शहरी क्षेत्रों में आवास संबंधित खर्चों में मामूली वृद्धि हो रही है.

बिजली की बढ़ती कीमतें

अखिल भारतीय बिजली सूचकांक सितंबर 2024 के लिए 162.5 रहा, जिसमें 5.45% की महंगाई दर्ज की गई. यह अगस्त 2024 के सूचकांक 162.4 और महंगाई दर 4.91% से अधिक है. यह दर्शाता है कि बिजली के खर्चों में भी वृद्धि हो रही है, जिससे हर वर्ग के उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है.

कुछ वस्तुओं में राहत

हालांकि, कुछ वस्तुओं जैसे दालें, मसाले, मांस और मछली, और चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं में महंगाई दर में गिरावट देखी गई. इन श्रेणियों में महंगाई के दबाव में कमी आई है, जो जनता के लिए थोड़ी राहत का संकेत है.

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