नयी दिल्ली, 26 जनवरी: राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को आयोजित 75वें गणतंत्र दिवस की परेड में मणिपुर की झांकी में, राज्य के प्रख्यात ‘इमा कीथेल’ यानी ‘मदर्स मार्केट’ का प्रदर्शन किया गया. करीब 500 साल पुराना इमा कीथेल दुनिया का एकमात्र ऐसा बाजार है जिसे पूरी तरह से महिलाएं चलाती हैं और यह ‘नारी शक्ति’ का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. ‘थंबल गी लंगला - लोटस थ्रेड्स’ विषय पर आधारित इस झांकी में महिलाओं को कमल की डंडी से रेशम बनाते और पारंपरिक चरखे का उपयोग कर धागा बनाते हुए दिखाया गया.
झांकी के मध्य में एक महिला को पारंपरिक मणिपुरी करघे ‘इयोंग’ का उपयोग कर कपड़ा बुनते दिखाया गया. झांकी के पिछले सिरे पर इमा कीथेल की इमारत की प्रतिकृति थी. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार द्वारा जारी एक सूचना पत्र में कहा गया, ‘‘इमा कीथेल नवोन्मेष और उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देता है. इसने दुनिया को लीरम, मोइरांग फी और मायेक-नैबी जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसनीय कई उत्पादों का उपहार दिया है.’’
मणिपुर की झांकी
#WATCH | Manipur showcases its 'Nari Shakti' with 'Ima Keithel', the 500-year-old market, one and only in the world run entirely by women#RepublicDay2024 pic.twitter.com/tTYJ1AYkiN
— ANI (@ANI) January 26, 2024
झांकी में लोकतक झील के पास स्थित थांगा गांव की उद्यमी कुमारी बिजियासांती टोंगब्रम से रू-ब-रू कराया गया, जो हाल में भारत की पहली कमल रेशम उत्पादक बनीं. सरकार ने कहा, ‘‘वह न केवल कई स्थानीय महिलाओं को रोजगार देती हैं, बल्कि विदेशों में कमल रेशम का निर्यात भी करती हैं, जिससे भारत कमल रेशम निर्यात करने वाले दुनिया के चौथे देश के रूप में स्थापित हो गया है. उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के कारण उन्हें प्रतिष्ठित ‘चेंजमेकर ऑफ द नॉर्थईस्ट 2020’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.’’
सरकार ने कहा कि मणिपुर महिला सशक्तीकरण के लिए एक ऐसा अनुकरणीय मॉडल पेश करता है, जो ‘विकसित भारत’ बनने का मार्ग प्रशस्त करता है.