Eminent Sanskrit Scholar Bannanje Govindacharya Passes Away: प्रख्यात संस्कृत विद्वान बन्नंजय गोविंदाचार्य का उडुपी में निधन
प्रख्यात संस्कृत विद्वान और प्रख्यात प्रवचनकर्ता बन्नंजय गोविंदाचार्य (Bannanje Govindacharya) का रविवार को उडुपी के अंबालापाडी (Ambalpady) में उनके निवास पर निधन हो गया. वह 84 वर्ष के थे और उनकी चार बेटियां हैं.
प्रख्यात संस्कृत विद्वान और प्रख्यात प्रवचनकर्ता बन्नंजय गोविंदाचार्य (Bannanje Govindacharya) का रविवार को उडुपी के अंबालापाडी (Ambalpady) में उनके निवास पर निधन हो गया. वह 84 वर्ष के थे और उनकी चार बेटियां हैं. कुछ दिनों पहले गोविंदाचार्य के बेटे की मृत्यु हुई थी. पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित गोविंदाचार्य ने 1970 के दशक के दौरान कुछ वर्षों के लिए कन्नड़ दैनिक उदयवाणी की साप्ताहिक पत्रिका का संपादन किया था.
एक प्रवचनकर्ता के रूप में उन्होंने देश और विदेश के विभिन्न हिस्सों में विविध विषयों पर कई प्रवचन प्रस्तुत किए. विष्णु सहस्रनाम पर उनके भाष्य सुविख्यात हैं. उन्होंने संस्कृत भाषा, साहित्य, संस्कृति, दर्शन पर कई किताबें लिखी हैं, जिनका विस्तृत विषय आधार और डिजाइन है. गोविंदाचार्य ने मध्वाचार्य की कई रचनाओं के लिए संस्कृत कमेंट्री लिखी थी, जिनमें आनंदमाला, वायुसूती, विष्णुस्तुति शामिल हैं. यह भी पढ़ें: कन्नड़ इतिहासकार और शोधकर्ता डॉ एम चिदानंद मूर्ति का निधन
उन्होंने माधवरामायण और मंगलाष्टक का कन्नड़ में अनुवाद किया है. साथ ही, पुरुषसूक्त और श्रीसूक्त से शुरू होकर, उन्होंने उपनिषदों, भगवद्गीता के साथ-साथ विभिन्न दार्शनिक ग्रंथों पर कई निबंध प्रकाशित किए थे.