Raksha Bandhan 2025: रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) भाई-बहन के बीच के अटूट और अनमोल बंधन का प्रतीक है. यह एक हिंदू त्योहार है जो हर साल भाई-बहनों द्वारा दुनिया भर में मनाया जाता है, जहां बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और बदले में भाई उसकी रक्षा करने और मुश्किल समय में उसका साथ देने का वादा करता है. हर साल रक्षा बंधन श्रावण/सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है. इस वर्ष तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है, क्योंकि पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त से शुरू हो रही है. हालांकि, द्रिक पंचांग के अनुसार, 2025 में राखी 9 अगस्त को पड़ेगी. रक्षाबंधन पर भद्रा काल सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा. ऐसा माना जाता है कि भद्रा के दौरान रक्षाबंधन की रस्में नहीं करनी चाहिए. ध्यान रहे कि पूर्णिमा तिथि के पूर्वार्ध में भद्रा व्याप्त रहती है. यह भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2025 Wishes: रक्षा बंधन की इन शानदार हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, Facebook Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं
भाई-बहन के अनोखे रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन हर साल बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रंग-बिरंगे धागे, जिन्हें 'राखी' कहते हैं, बाँधती हैं. बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी देखभाल और सुरक्षा का वादा करते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. यह पर्व भाई-बहन के बीच प्रेम और विश्वास को मजबूत करता है. रक्षा बंधन के इस पावन पर्व की आप इन शानदार हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1. छोटेसे बहीण-भाऊ,
उद्याला मोठाले होऊ
उद्याच्या जगाला, उद्याच्या युगाला
नवीन आकार देऊ
रक्षाबंधनाच्या खूप खूप शुभेच्छा!

2. बहीण म्हणजे दुसरी आई
जगावेगळी माझी ताई
ती माझी सावली
आणि माझ्या आयुष्यातली खरी माऊली
रक्षाबंधनाच्या खूप खूप शुभेच्छा!

3. नातं बहीण भावाचं म्हणजे टॉम अॅंड जेरी
जेवढा राग आणि तेवढं प्रेम हे म्हणजे लय भारी
रक्षाबंधनाच्या खूप खूप शुभेच्छा!

4. लग्नात सर्वात जास्त रडतो तो नवरीचा भाऊ असतो..
कितीही भांडण केले तरी बहिण म्हणजे भावाच्या ह्रदयाचा तुकडा असतो..
रक्षाबंधनाच्या खूप खूप शुभेच्छा!

5. बहीणीचं प्रेम हे अथांग समुद्रासारखं,
निखळ असं नातं आयुष्यभर जपण्याचं,
बंधन नसतं कुठलं त्यात निर्मळ हास्याचं…
सोन्याहून सुंदर असं जगात आहे अनमोल,
नातं असं हे आपुलकीचं
भाऊ बहिणीच्या प्रेमाचं…
रक्षाबंधनाच्या खूप खूप शुभेच्छा!

यद्यपि भारत और नेपाल में मनाए जाने वाले इस जीवंत त्यौहार की सटीक उत्पत्ति अस्पष्ट है, फिर भी इसके इर्द-गिर्द कई आकर्षक किंवदंतियां हैं. सबसे लोकप्रिय कथाओं में से एक महाभारत से आती है, जो भगवान कृष्ण और द्रौपदी के बीच के बंधन को उजागर करती है. कहानी यह है कि एक दिन, पतंग उड़ाते समय, कृष्ण ने गलती से धागे से अपनी उंगली काट ली. पास में मौजूद द्रौपदी ने खून बहते देखा और जल्दी से अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया. उनके भाव से गहराई से प्रभावित होकर, कृष्ण ने उन्हें हमेशा नुकसान से बचाने की कसम खाई, एक वादा जिसे उन्होंने ईमानदारी से निभाया, खासकर उस समय जब कौरवों ने उनका चीर हरण करने की कोशिश की.
र













QuickLY