एजी पेरारिवलन व राजीव गांधी (Photo Credit : Twitter)
Rajiv Gandhi Assassination, राजीव गांधी हत्याकांड: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनडीए सरकार को एजी पेरारिवलन की दया याचिका (Mercy Petition) पर 7 दिनों में फैसला करने को कहा है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति बी आर गवई की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने केंद्र सरकार से सवाल किया है. उन्होंने कहा, आरोपी को रिहाई क्यों नहीं मिलनी चाहिए? इस पर केंद्र सरकार अपना जवाब दें.
राजीव गांधी की हत्या में शामिल रहे एजी पेरारीवलन को पिछले महीने देश की शीर्ष अदालत से जमानत मिल गई थी. पेरारीवलन उम्रकैद की सजा काट रहा था. जिसके बाद केंद्र सरकार ने कोर्ट में जमानत देने का विरोध किया था.
एजी पेरारीवलन को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता द्वारा उसके आचरण, उसके खराब स्वास्थ्य के बारे में पर्याप्त सामग्री प्रस्तुत की गई है. उसने 30 साल से अधिक समय जेल में बिताया है. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल को जेल से रिहा करने की अपनी याचिका पर फैसला करना बाकी है. पेरारीवलन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी और वह 32 साल से जेल में बंद है. राजीव गांधी की हत्या के मामले में मई 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों पेरारीवलन, मुरुगन, संथम और नलिनी की मौत की सजा को बरकरार रखा था. इसके बाद 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने पेरारीवलन की मौत की सजा को दो अन्य कैदियों संथम और मुरुगन के साथ उम्रकैद में बदल दिया था.
तमिलनाडु के श्रीपेरम्बुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान 21 मई 1991 में लिट्टे के आत्मघाती हमले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई थी.