Rajasthan Paper Leak Case: राजस्थान पेपर लीक मामले में गिरफ्तार अनीता मीणा को दो दिन की हिरासत में भेजा गया
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान में वरिष्ठ अध्यापक द्वितीय श्रेणी प्रतियोगी परीक्षा पेपर लीक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत अनीता कुमारी उर्फ अनीता मीणा को गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली, 25 जुलाई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान में वरिष्ठ अध्यापक द्वितीय श्रेणी प्रतियोगी परीक्षा पेपर लीक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत अनीता कुमारी उर्फ अनीता मीणा को गिरफ्तार किया है. आरोपी को विशेष न्यायालय (पीएमएलए) जयपुर के समक्ष पेश किया गया. जिसके बाद कोर्ट ने उसे दो दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया.
ईडी की जांच के अनुसार, आरोपी अनीता मीणा ने शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 में प्रश्नपत्र लीक करने के आरोपी दलाल अनिल कुमार मीणा के साथ मिलीभगत की थी. अनिल कुमार को राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारिया के साथ पहले भी प्रश्नपत्र लीक में कथित भूमिका के लिए एजेंसी ने हिरासत में लिया था. ऐसे में अनिता मीणा मनी लॉन्ड्रिंग जांच में 'महत्वपूर्ण कड़ी' साबित हो सकती है, क्योंकि उसने पेपर लीक के आरोपियों के साथ मिलीभगत की थी और आय से संपत्ति भी खरीदी थी. यह भी पढ़े : मुंबई में बारिश के मद्देनजर बीएमसी ने स्कूल, कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की
ईडी की जांच में पाया गया कि अनीता मीणा, अनिल कुमार मीणा की करीबी दोस्त है और वह उसके साथ लगातार संपर्क में रही थी. उसने अपराध की आय (पीओसी) जुटाने में अनिल कुमार मीणा की सक्रिय रूप से मदद की और अनिल कुमार मीणा से नकद में अपराध की बड़ी रकम भी प्राप्त की और अपने नाम पर एक अचल संपत्ति भी खरीदी. ईडी ने बाबूलाल कटारिया, अनिल कुमार मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा और अन्य के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर/चार्जशीट के आधार पर जांच शुरू की.
इससे पहले ईडी ने आरोपियों के कई ठिकानों में छापेमारी की थी, इस दौरान एजेंसी ने आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड बरामद किए थे. इसके अलावा, ईडी ने अंतिम कुर्की आदेश के तहत 18.08.2023 को बाबूलाल कटारिया, अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा और अन्य की लगभग 3.11 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को भी कुर्क किया. इसके साथ ही ईडी ने पहले इस मामले में बाबूलाल कटारिया, अनिल कुमार मीणा और भूपेंद्र सारण, सुरेश कुमार उर्फ सुरेश साउ, विजय डामोर, पीराराम, पुखराज और अरुण शर्मा समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आरोप पत्र दाखिल करने के बाद सभी आठ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. वहीं, मामले की जांच भी चल रही है.