जयपुर: साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) राजस्थान (Rajasthan) के 15 बच्चों की जिंदगी पर ग्रहण लगा गया. रिपोर्ट्स के अनुसार, बिना चश्में या किसी अन्य सुरक्षा इंतजाम के सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) का नजारा देखने के चलते 15 बच्चों की आंखें 70 फीसदी तक खराब हो गई हैं. दरअसल, 26 दिसंबर 2019 को लगे सूर्य ग्रहण को बिना चश्में के देखने के कारण उससे निकलने वाले रेडिएशन (Radiation) से बच्चों की आंखों (Children's Eye) के रेटिना (Retina) पर बुरा प्रभाव पड़ा और सूर्य ग्रहण देखने के बाद कुछ समय तक इन बच्चों को दिखना ही बंद हो गया. आंखों से दिखाई न देने पर ये बच्चे अपने माता-पिता के साथ राजस्थान के जयपुर स्थित सवाई मानसिंह सरकारी अस्पताल (Sawai Mansingh Hospital) पहुंचे. अस्पताल में नेत्र रोग विभाग के डॉक्टरों ने बच्चों की आंख में दवा डाली, बावजूद इसके उन्हें कुछ भी साफ-साफ नजर नहीं आया.
अस्पताल के नेत्र चिकित्सकों ने जब बच्चों की आंखों की जांच की तो वो भी हैरान रह गए, क्योंकि उन बच्चों की आंखें 40 से 70 फीसदी तक खराब हो चुकी थीं. सवाई मानसिंह अस्पताल में नेत्र रोग विभाग के अधीक्षक डॉ. कमलेश खिलनानी के मुताबिक, जब बच्चों की आंखों की जांच की गई तो पाया गया कि उनका रेटिना जल चुका है और आंख के भीतर पीला धब्बा बन गया है. उन्होंने कहा कि इन बच्चों का इलाज किया जाएगा, ताकि ये फिर से पहले की तरह साफ देखने लगें.
डॉक्टर खिलनानी और वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. एन.एस. चौहान का कहना है कि सूर्य ग्रहण के दौरान सूरज की रोशनी कम हो जाती है, ऐसे में लोग खुली आंखों से सूरज को दो-तीन मिनट तक देख लेते हैं, लेकिन इस दौरान सूरज से निकलने वाला रेडिएशन तेज रोशनी जैसा ही होता है, जो आंखों के रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने कहा कि दो-तीन मिनट से ज्यादा समय तक सूर्य ग्रहण को चश्मे या किसी सुरक्षा उपकरण के बगैर देखने से रेडिएशन की वजह से आंखों का रेटिना खराब हो सकता है. यह भी पढ़ें: Annular Solar Eclipse 2019: क्या होता है कुंडलाकार सूर्य ग्रहण, जानें तिथि, समय और यहां देखें लाइव स्ट्रीमिंग
डॉक्टरों के मुताबिक, आमतौर पर तेज रोशनी के चलते सूर्य को हम खुली आंखों से सिर्फ दो से पांच सेकेंड तक ही देख सकते हैं और इस दौरान आंखों का रेटिना सिर्फ 2 एमएम तक की खुला रहता है. जबकि सूर्य ग्रहण के दौरान हम खुली आंखों से सूरज को दो से तीन मिनट तक देख सकते हैं, इस दौरान आंखों का रेटिना 5 से 6 एमएम तक खुला रहता है. सूर्य ग्रहण के समय सूरज की रोशनी कम होने के बावजूद रेडिएशन का प्रभाव काफी तेज होता है. ऐसे में रेडिएशन सीधे रेटिना के संपर्क में आता है और उसे डैमेज कर देता है.