Kota Infant Deaths: कोटा जेके लोन अस्पताल में फिर हुई 9 नवजात शिशुओं की मौत, पिछले साल गई थी 100 से ज्यादा बच्चों की जान
राजस्थान (Rajasthan) के कोटा जिले (Kota District) का जेके लोन अस्पताल (JK Lone Hospital) एक बार फिर बच्चों की मौत के लिए सुर्खियों में आ गई है. कोटा के जेके लोन अस्पताल में 24 घंटों के भीतर 9 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. 5 मृतक शिशुओं ने बुधवार और 4 ने गुरुवार को दम तोड़ा था. इन सभी मृतक शिशुओं की उम्र 1 से 7 दिन के बीच थी. वहीं, घटना के बाद जेके लोन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक, एस सी दुलारा ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि 9 नवजात शिशुओं में से 3 को मृत लाया गया था, 3 को जन्मजात बीमारियां और 2 मामले थे. घटना के बाद जिला के कलेक्टर (District Collector) ने मामले की जांच के लिए जांच समिति बनाने का फैसला लिया.
कोटा:- राजस्थान (Rajasthan) के कोटा जिले (Kota District) का जेके लोन अस्पताल (JK Lone Hospital) एक बार फिर बच्चों की मौत के लिए सुर्खियों में आ गई है. कोटा के जेके लोन अस्पताल में 24 घंटों के भीतर 9 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. 5 मृतक शिशुओं ने बुधवार और 4 ने गुरुवार को दम तोड़ा था. इन सभी मृतक शिशुओं की उम्र 1 से 7 दिन के बीच थी. वहीं, घटना के बाद जेके लोन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक, एस सी दुलारा ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि 9 नवजात शिशुओं में से 3 को मृत लाया गया था, 3 को जन्मजात बीमारियां और 2 मामले थे. घटना के बाद जिला के कलेक्टर (District Collector) ने मामले की जांच के लिए जांच समिति बनाने का फैसला लिया.
बता दें कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में शिशुओं के मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले पिछले साल नवंबर और दिसंबर महीने यानी 35 दिनों के भीतर 100 से ज्यादा शिशुओं ने दम तोड़ा दिया था. जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ लिया था और गहलोत सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी. विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर गहलोत सरकार पर जमकर हमला किया था. Coronavirus Vaccine: राजस्थान में अगले साल से शुरू होगा कोरोना वैक्सीन टीकाकरण, तैयारियां शुरू.
ANI का ट्वीट:-
मृतक के परिजनों ने एक बार फिर से लापरवाही का आरोप लगाया है. रिपोर्ट के मुताबिक घटना के बाद राजस्थान की सरकार अलर्ट हो गई है. वहीं, राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन को सख्त हिदायत दी है कि शिशुओं की देखभाल में कोई कमी न रखा जाए. शिशुओं की मौत के बाद अब सूबे की सरकार एक बार फिर से विरोधी दलों के निशाने पर है.