नई दिल्ली, 20 अगस्त : केंद्र सरकार के लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगाने के आदेश पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि भाजपा की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम करके दिखाएंगे. राहुल गांधी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे. भाजपा की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे. मैं एक बार फिर कह रहा हूं - 50% आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे.''
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पोस्ट में लिखा, ''संविधान जयते ! हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमज़ोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा है. लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताक़त ही हरा सकती है. राहुल गांधी, कांग्रेस और इंडिया पार्टियों की मुहिम से सरकार एक क़दम पीछे हटी है, पर जब तक बीजेपी-आरएसएस सत्ता में है, वो आरक्षण छीनने के नए-नए हथकंडे अपनाती रहेगी. हम सबको सावधान रहना होगा. बजट में मध्यम वर्ग पर किया गयालॉन्ग टर्म कैपिटल गेन वाला प्रहार हो, या वक़्फ़ बिल को जेपीसी के हवाले करना हो, या फिर ब्रॉडकास्ट बिल को ठंडे बस्ते में डालना हो - जनता और विपक्ष की ताक़त देश को मोदी सरकार से बचा रही है." यह भी पढ़ें : सभी लोकोमोटिव (इंजनों) और यार्डों पर एआई से युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाएगा रेलवे
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, ''यूपीएससी में लेटरल एंट्री के पिछले दरवाज़े से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साज़िश आख़िरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गयी है. सरकार को अब अपना ये फ़ैसला भी वापस लेना पड़ा है. भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये पीडीए में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है. इन परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी ‘लेटरल भर्ती’ के ख़िलाफ़ 2 अक्टूबर से शुरू होनेवाले आंदोलन के आह्वान को स्थगित करती है, साथ ही ये संकल्प लेती है कि भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को कामयाब नहीं होने देगी व पुरज़ोर तरीके से इसका निर्णायक विरोध करेगी. जिस तरह से जनता ने हमारे 2 अक्टूबर के आंदोलन के लिए जुड़ना शुरू कर दिया था, ये उस एकजुटता की भी जीत है. लेटरल एंट्री ने भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है.''