Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सजा का निलंबन न होने पर करना पड़ सकता है अयोग्यता का सामना
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अगर किसी को दो साल या उससे अधिक के कारावास की सजा सुनाई जाती है, तो वह व्यक्ति कारावास की अवधि और छह साल की अवधि के लिए अयोग्य हो जाता है.
Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस (Congress) सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को सूरत (Surat) की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अगर ऊपरी न्यायालयों द्वारा उनकी सजा का निलंबन नहीं किया जाता है, तो उन्हें एक सांसद के रूप में अयोग्यता का सामना करना पड़ सकता है और वह चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अगर किसी को दो साल या उससे अधिक के कारावास की सजा सुनाई जाती है, तो वह व्यक्ति कारावास की अवधि और छह साल की अवधि के लिए अयोग्य हो जाता है.
लेकिन, अधिनियम में मौजूदा सदस्यों के लिए एक अपवाद है. उन्हें अपील करने के लिए सजा की तारीख से तीन महीने की अवधि प्रदान की गई है और अपात्रता तब तक लागू नहीं होगी जब तक कि अपील का फैसला नहीं हो जाता. यह भी पढ़े: Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी की सजा को लेकर तिलमिलाई कांग्रेस, हाईकोर्ट में देगी चुनौती
गौरतलब है कि गुरुवार को गुजरात में सूरत की एक जिला अदालत ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 2019 में उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी को लेकर उनको मानहानि का दोषी ठहराया है.