पंजाब: लॉकडाउन के चलते अमृतसर में फंसे 372 लोग कश्मीर के लिए रवाना, जिला प्रशासन ने मुहैया कराई 7 बसें
पंजाब के अमृतसर में कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते फंसे कश्मीर के करीब 372 लोगों को आज कश्मीर के लिए रवाना किया गया. राम बाग के एसएचओ नीरज कुमार ने कहा कि कश्मीर से आए लोगों को वापस भेजने के लिए जिला प्रशासन द्वारा 7 बसों का इंतजाम किया गया है और बसों में सवार होने से पहले उन सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई.
अमृतसर: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पहली बार 24 मार्च को लॉकडाउन (Lockdown) का ऐलान किया था. लॉकडाउन की वजह से हवाई, रेल और सड़क यातायात पूरी तरह से बंद कर दिए गए थे, जिसके चलते कई पर्यटक देश के विभिन्न हिस्सों में फंस गए. एक ओर जहां कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते देश में फंसे विदेशी नागरिकों को उनके वतन वापस भेजा जा रहा है तो वहीं देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे भारतीयों को भी उनके राज्यों में भेजने की कवायद जारी है. देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए विशेष ट्रेन चलाई जा रही है तो वहीं बसों का इंतजाम भी किया जा रहा है. इसी कड़ी में रविवार को पंजाब के अमृतसर में लॉकडाउन के चलते फंसे लोगों को कश्मीर रवाना किया गया.
न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के अनुसार, पंजाब (Punjab) के अमृतसर (Amritsar) में कोरोना वायरस लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के चलते फंसे कश्मीर (Kashmir) के करीब 372 लोगों को आज कश्मीर के लिए रवाना किया गया. राम बाग के एसएचओ नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने कहा कि कश्मीर से आए लोगों को वापस भेजने के लिए जिला प्रशासन द्वारा 7 बसों का इंतजाम किया गया है और बसों में सवार होने से पहले उन सभी लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई. यह भी पढ़ें: 'श्रमिक स्पेशल ट्रेनों' के लिए रेल मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन, कहा- यात्रियों से टिकट के पैसे लेकर रेलवे को भुगतान करे राज्य सरकार
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गौरतलब है देशव्यापी लॉकडाउन के बीच कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. रविवार को देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 39,980 हो गई, जबकि इस घातक संक्रमण की चपेट में आकर अब तक 1301 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए देश में 4 मई से दो हफ्ते के लिए लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो जाएगा, लेकिन इससे पहले जहां-तहां फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने की कवायद जोरों पर है.