भीमा कोरेगांव हिंसा: सुप्रीम कोर्ट का फैसला, पांचों वामपंथी विचारक 17 सितंबर तक रहेंगे नजरबंद
सुप्रीम कोर्ट (File Photo)

नई दिल्ली: भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में हिरासत में लिए गए पांचों वामपंथी विचारकों के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली थी. लेकिन इस मामले की सुनवाई 17 सितंबर तक के लिए टाल दी गई है. अब इस मामले की सुनवाई अगले सोमवार को होने वाली है. हिरासत में लिए गए पांचों वामपंथी तब तक  घर में ही नजरबंद रहेंगे .

बता दें कि इन सभी लोगों को हिरासत में लेने के बाद पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन सभी लोगों के गिरफ्तार करने पर रोक लगाते हुए 12 सिंतबर तक नजरबंद रखने का आदेश दिया था. उस सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पैरवी करने वाले एएसजी तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि हिरासत में लिए गए पांचों वामपंथी जिनके नाम गौतम नवलखा, वारवारा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा और वरनोन गोंजालवेस हैं. इन सभी लोगों के खिलाफ प्रतिबंधित नक्सली संगठन के साथ संबंध के पुख्ता सुबूत हैं. इसलिए इन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया था. ये भी पढ़े: भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर देशभर में छापा, वामपंथी विचारकों के ठिकानों पर कार्रवाई जारी

सरकार की तरफ से तुषार मेहता द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दलील देने के बाद वामपंथी विचारकों की तरफ से पैरवी करने वाले वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा था कि ये सभी लोग 12 सितंबर तक दुबारा से घर में नजरबंद रहेंगें. और वे अगली सुनवाई होने तक तुषार के दलीलों पर सफाई दें. ये भी पढ़े:भीमा कोरेगांव: पुणे पुलिस को मिला चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिन का समय

गौरतलब हो कि इन सभी पांचों वामपंथी विचारकों को हिंसा की साजिश रचने और नक्सलवादियों से संबंध रखने के आरोप में पुणे पुलिस ने 28 अगस्त को देश के अलग-अलग हिस्सों से हिरासत में लिया था.  उस दौरान पुलिस उन्हें हिरासत में लेने के बाद  गिरफ्तार करना चाहती थी. लेकिन कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार करने के बजाय नजरबंद करने का आदेश दिया था.