नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में इसी साल हुए पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) की याद आज भी हर भारतीय के जेहन में वैसी ही बनी हुई है. पाकिस्तान (Pakistan) के पाले हुए आतंकियों की इस बुजदिली वाले कारनामे का करारा जवाब देने के लिए भारत ने अपने सभी सुरक्षा तंत्रों को तैयार कर दिया था. इससे जुड़ी एक और बड़ी सच्चाई का अब खुलासा हुआ है. दरअसल पुलवामा आतंकी हमले के तुरंत बाद भारत ने अपनी नौसेना के लड़ाकू जहाजों और सबमरीनों (पनडुब्बियां) को एक अभ्यास से तुरंत वापस बुला लिया था और एक बेड़े को पाकिस्तान की सीमा से सटे समुद्री हिस्से में तैनात कर दिया था. इसमें परमाणु क्षमता के अलावा पारंपरिक पनडुब्बियां भी शामिल थी. सभी को पाकिस्तानी क्षेत्रीय जल के करीब लगाया गया था. जिससे जरुरत पड़ने पर मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके.
गौरतलब है कि 14 फरवरी को पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. इस आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया और पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी को आतंकी ठिकानों पर भारत के एयर स्ट्राइक करने के बाद दोनों देश लगभग युद्ध की कगार पर पहुंच गए थे.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने समुद्र में भी पाकिस्तान से निपटने की बड़ी तैयारी की थी. भारत ने नौसेना को अभ्यास से हटा लिया गया और परमाणु पनडुब्बियों समेत कई सबमरीन्स को पाकिस्तानी जल सीमा के नजदीक तैनात कर दिया था.
उधर, भारत के आक्रामक तेवर से घबराये पाकिस्तान भी बचाव की तैयारियों में जुट गया था. हालांकि भारत लगातार पाकिस्तानी सेना पर पैनी नजर बनाए हुए था. इस बीच पुलवामा हमले के जवाब में जैसे ही ही भारत ने बालाकोट में आतंकी शिविर पर एयर स्ट्राइक की पाकिस्तान ने अपनी सबसे अडवांस मानी जाने वाली अगोस्टा क्लास सबमरीन्स- पीएनएस साद (PNS Saad) का लोकेशन बदल दिया. और वह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बाहर हो गई.
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इसके बाद जल क्षेत्र में उसकी लोकेशन का पता लगाने के लिए भारतीय नौसेना ने अभियान छेड़ दिया. दरअसल अचानक गायब हुई पीएनएस साद एक शक्तिशाली पनडुब्बी होने के साथ ही लंबे समय तक पानी के भीतर रह सकती है.
बताया जाता है कि पीएनएस साद कराची के पास से गायब हुई थी. जहां से यह तीन दिनों के भीतर गुजरात के तट और महज पांच दिन में नौसेना के पश्चिमी फ्लीट के मुख्यालय मुंबई पहुंच सकती थी, जो देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता था. ऐसी स्थिति में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी सबमरीन की जमकर तलाश की और आखिरकार 21 दिनों के बाद इसके लोकेशन का पता लगा लिया. नौसेना को पीएनएस साद पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से में मिली थी.