पुलवामा आतंकी हमले के बाद से देश में रोष है. आम जनता हो या सेलिब्रिटीज सब हमले की निंदा करते हुए पाकिस्तान से बदले की मांग कर रहे हैं. इसी बीच राजनेता से नेता बने कमल हासन (Kamal Haasa) ने पुलवामा आतंकी हमले को लेकर विवादित बयान है. कमल हासन ने कश्मीर में जनमत संग्रह की बात कही है. इतना ही नहीं हासन ने अपने बयान में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को 'आजाद कश्मीर' बताया है. कमल हासन कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की बात कही और लोगों को बात करने की आजादी देने को कहा. हासन ने कहा, 'भारत कश्मीर में जनमत संग्रह क्यों नहीं करा रहा है. सरकार किससे डरती है?'
भारत और पाकिस्तान दोनों के नेताओं को जिम्मेदार ठहराते हुए कमल हासन ने कहा, 'यदि दोनों पक्षों के राजनेता उचित व्यवहार करते हैं, तो एक भी सैनिक के मरने की आवश्यकता नहीं होती.' कमल हासन ने कहा, 'जनमत संग्रह करो और लोगों से बात करो. हासन ने कहा सरकार ने ये क्यों नहीं किया? वे किस चीज से डरते हैं? वे राष्ट्र को विभाजित करना चाहते हैं? आप उनसे (कश्मीरियों) दोबारा क्यों नहीं पूछते? वे ऐसा नहीं करेंगे? अब यह (कश्मीर) भारत का है, यही स्थिति सीमा पार (PoK) भी रहती है. आजाद कश्मीर में वे जिहादियों की तस्वीरों का इस्तेमाल गाड़ियों में हीरो के रूप में चित्रित करने के लिए कर रहे हैं, यह भी एक मूर्खतापूर्ण बात है. यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में सरकार को खर्च करने पड़ते हैं इतने करोड़, जीते हैं आलिशान जिंदगी
Makkal Needhi Maiam leader Kamal Hassan at an event in Chennai yesterday: Why India is not holding a plebiscite in Kashmir? What are they (Indian government) afraid of? pic.twitter.com/9M6bS5JoWV
— ANI (@ANI) February 18, 2019
कश्मीरी नीती पर भारत भी करता है मूर्खता जैसा व्यवहार
कश्मीरी नीती पर सवाल पर उठाते हुए हासन ने कहा अगर भारत स्वयं को बेहतर देश के रूप में साबित करना चाहता है तो उसे इस तरह का आचरण नहीं करना चाहिए. हासन ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर 'भारत भी मूर्खता जैसा व्यवहार करता है, यह उचित नहीं है'. उन्होंने कहा कि यदि दोनों पक्षों के राजनेता उचित व्यवहार करते हैं, तो एक भी सैनिक नहीं मरता. नियंत्रण रेखा नियंत्रण में होती लेकिन आप लोग लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं.
चेन्नई में आयोजित एक सभा में बात करते हुए कमल हासन ने कहा, मुझे बड़ा दुख होता है जब लोग कहते हैं कि सैनिक तो कश्मीर मरने के लिए जाते हैं. उन्होंने कहा, सेना भी एक पुराने फैशन की तरह है. जिस तरह से दुनिया बदल रही है, हम यह कैसे तय कर सकते हैं कि इंसान खाने के लिए दूसरे इंसान का कत्ल नहीं करेगा. लड़ाई खत्म करने का भी एक वक्त आएगा. क्या मानव सभ्यता ने पिछले 10 साल में यह सब नहीं सीखा.