ग्रेटर नोएडा के दादरी थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक प्रॉपर्टी डीलर संजय यादव को उसकी फॉर्च्यूनर कार में जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई. यह घटना तब हुई जब स्थानीय लोगों ने एक कार से उठती लपटों को देखा और बचाने की कोशिश की, लेकिन वे संजय को बाहर निकालने में असफल रहे. यह मामला न केवल हत्या का है, बल्कि दोस्तों के बीच गहनों को लेकर विवाद की ओर भी इशारा करता है.
संजय यादव, जो गाजियाबाद के नेहरू नगर का निवासी था, को अपनी कार में जिंदा जलाया गया. घटना स्थल पर कार सड़क से करीब 100 मीटर अंदर मिली, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह एक सुनियोजित हत्या हो सकती है. परिजनों का आरोप है कि संजय का अपने दोस्तों के साथ गहनों को लेकर विवाद चल रहा था, और इसी वजह से उसके दोस्तों ने उसे मार डाला. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दो लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.
उत्तर प्रदेश : ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके में कल रात एक फॉर्चूनर जलती हुई मिली। इसके अंदर गाजियाबाद के प्रॉपर्टी डीलर संजय यादव की लाश मिली है। हत्या करके कार जलाने की आशंका है। ज्वेलरी के लेनदेन में हत्या की बात सामने आ रही। पुलिस ने 2 लोग कस्टडी में लिए। pic.twitter.com/Q8bTxoHdwD
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) October 23, 2024
हत्या के पीछे का रहस्य
संजय के परिजनों का दावा है कि उनके बेटे को जानबूझकर आग के हवाले किया गया. पुलिस द्वारा किए गए प्रारंभिक जांच में पता चला है कि फॉर्च्यूनर का रजिस्ट्रेशन गाजियाबाद का है और घटनास्थल पर खड़े कुछ स्थानीय लोगों ने भी बताया कि कार में आग लगाने के बाद ही संजय को जलाया गया. वीडियो में सुनाई दे रहे आवाजों से भी यह स्पष्ट होता है कि यह हत्या एक सोची-समझी योजना का हिस्सा है.
पुलिस ने कहा है कि जांच अभी जारी है और जैसे-जैसे मामले की तह तक पहुंचा जाएगा, अन्य संदिग्धों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि यह एक गंभीर चेतावनी भी है कि आपसी विवाद कभी-कभी इतनी गंभीर घटनाओं का कारण बन सकते हैं.
यह घटना ग्रेटर नोएडा में सुरक्षा की कमी और आपसी विवादों के खतरनाक परिणामों की ओर इशारा करती है. संजय यादव की दुखद मौत ने उसके परिवार और समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है. अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए न्याय सुनिश्चित कर पाती है या नहीं. स्थानीय लोगों की नजरें अब जांच के परिणामों पर टिकी हुई हैं.