प्रियंका गांधी ने कश्मीरी पंडितों को दी पारसी न्यू ईयर की बधाई, नवरेह की जगह नौरोज की शुभकामनाएं देने पर हुईं सोशल मीडिया पर ट्रोल

प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर कश्मीरी पंडितों को पारसी न्यू ईयर की बधाई दी है. उन्होंने लिखा- नौरोज मुबारक. बस फिर क्या था सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें यह याद दिलाने में जुट गए कि नौरोज पारसियों का नया साल होता है न कि कश्मीरी पंडितों का

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Photo: PTI)

कांग्रेस पार्टी की महासचिव (Congress General Secretary) प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) के जरिए कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को नए साल की बधाई दी, लेकिन कुछ देर बाद ही वो सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगीं. आखिर प्रियंका गांधी का सोशल मीडिया पर ट्रोल होना लाजमी भी था, क्योंकि उन्होंने ट्वीट करके कश्मीरी पंडितो को नवरेह (Navreh)  की जगह पारसी न्यू ईयर नौरोज (Nauroz) की मुबारकबाद जो दे दी. जी हां, प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर कश्मीरी पंडितों को पारसी न्यू ईयर की बधाई दी है. उन्होंने लिखा- नौरोज मुबारक.

प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था- मेरे सभी कश्मीरी भाईयों और बहनों को नौरोज मुबारक. मां ने कहा था कि थाली तैयार करना मत भूलना, लेकिन कल थाली तैयार करने के लिए मेरे पास समय नहीं था. जब रोड शो के बाद घर वापस लौटी को डायनिंग टेबल पर यह रखा था. सच में मां कितनी प्यारी होती हैं.

बस फिर क्या था सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें यह याद दिलाने में जुट गए कि नौरोज पारसियों का नया साल होता है न कि कश्मीरी पंडितों का. कुछ यूजर्स उन्हें यह भी याद दिलाने लगे कि नौरोज पर्व पिछले महीने ही मनाया जा चुका है और आज कश्मीरी जिस नए साल का जश्न मना रहे हैं उसे नवरेह कहा जाता है. यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2019: सोनिया गांधी का BJP पर बड़ा हमला, कहा- हमें देशभक्ति की नई परिभाषा सिखाई जा रही है

बता दें कि इस खास मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट कर कश्मीरियों को नवरेह की बधाई दी है. उन्होंने लिखा- नवरेह मुबारक. नए साल में बहुत सारी खुशियों के लिए दुआएं. आने वाले दिनों में सबकी इच्छाएं पूरी हों, कश्मीरी पंडितों की संस्कृति बेहद खास है.

गौरतलब है कि प्रियंका गांधी के ट्वीट के बाद कुछ यूजर्स उन्हें नौरोज और नवरेह के बीच का अंतर समझाने लगे. एक यूजर ने कहा कि नौरोज एक ईरानी त्योहार है और यह मार्च 2019 में था, जबकि नवरेह हम कश्मीरी पंडित मनाते हैं. ऐसी गलती तभी होती है जब आप चुनावी दबाव में काम करते हैं. वहीं एक यूजर ने लिखा कि कृपया सोशल मीडिया हैंडल करने वाले को हायर कर लें.

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