नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिपरिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. राष्ट्रपति भवन ने यह जानकारी दी.
राष्ट्रपति भवन से जारी एक बयान में बताया गया, ‘‘भारत के राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 75 के उपबंध (2) के तहत प्रधानमंत्री की सलाह पर केन्द्रीय मंत्री परिषद से एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.’’ इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. स्थापित प्रक्रिया के अनुरूप उसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया.
अकबर पर अनेक आरोप लगाए गए कि जब वह विभिन्न प्रकाशनों के संपादक के पद पर तैनात थे तो उन्होंने कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया था. लगभग 20 वर्ष पहले यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाने वाली एक पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले की दिल्ली के पटियाला हाउस अदालत में सुनवाई से एक दिन पहले 67 वर्षीय अकबर ने अचानक अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की.
एक बयान में अकबर ने कहा है ‘‘चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं.’’ बयान में उन्होंने कहा है ‘‘मैं, अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी तौर पर चुनौती दूंगा. इसलिए मैं विदेश राज्य मंत्री पद से त्यागपत्र देता हूं.’’
उन्होंने कहा ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बेहद आभारी हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया.’’ यौन दुर्व्यवहार के कई आरोपों के बाद इस्तीफा देने वाले अकबर शायद पहले मंत्री हैं.
अकबर ने सोमवार को रमानी के खिलाफ शिकायत दायर करके आरोप लगाया था कि रमानी ने उनके खिलाफ ‘‘जानबूझकर’’ और ‘‘दुर्भावनापूर्ण’’ तरीके से उनकी छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से ये आरोप लगाये है. कई शिकायतकर्ताओं के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों ने भी तत्काल उनके इस्तीफे का स्वागत किया.