प्रवासी साइबेरियन पक्षी हिंदुओं के लिए पवित्र तीर्थ स्थल तीन नदियों के संगम स्थल गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम प्रयागराज के लिए हजारों किलोमीटर तक उड़कर आते हैं. सर्दियों के महीनों के दौरान शहर में आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए ये साइबेरियन पक्षी एक अतिरिक्त आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं. इस दौरान पर्यटक दूर दूर से इन्हें देखने आते हैं. संगम पर लोग इन पक्षियों के खाने पीने का प्रबंध करते हैं. ये साइबेरियन पक्षी अक्टूबर में प्रयागराज आते हैं और मार्च में अपने घर वापस चले जाते हैं. ये पक्षी मानव-अनुकूल हैं और इन्हें तीर्थयात्रियों और पर्यटकों द्वारा बैठे हुए नावों पर भी बैठे देखा जा सकता है. यह भी पढ़ें: World Migratory Bird Day 2020: विश्व प्रवासी पक्षी दिवस आज, जानें पक्षियों को समर्पित इस दिन का इतिहास, थीम और महत्व
साइबेरियन पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां सर्दियों के मौसम में जब वहां तापमान जमा देनेवाला होता है, तब ये वहां से उड़ान भरते है और भारत पहुंचते हैं. साइबेरिया में सर्दियों के मौसम में कभी कभी तापमान -72 डिग्री सेल्सियस चला जाता है. इस दौरान ठण्ड से बचने, खाने और घोसले की तलाश में ये पक्षी प्रयागराज आते हैं. ये पक्षी एक साथ झुंडों में उड़ान भरते हैं और भारत आते हैं. इनके आने से सर्दियों में संगम की सुन्दरता और बढ़ जाती है.
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#WATCH: A large number of migratory Siberian birds seen at Triveni Sangam in Prayagraj. pic.twitter.com/7EoV6TUR6h
— ANI UP (@ANINewsUP) November 8, 2020
हर साल संगम में आने वाले इन विदेशी मेहमानों का लोगों को बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है. इन्हें कोई नुकसान न पहुंचे इसलिए इनके अवैध शिकार पर भी पाबंदी लगाई गई है. इसके साथ ही प्रशासन और वनविभाग भी संगम तट पर साइबेरियन पक्षियों की सुरक्षा पर कड़ी नजर राखी जाती है.