SC-ST एक्ट के विरोध में हिन्दू न्याय पीठ की जज ने राष्ट्रपति को लिखा खून से पत्र
देश की पहली हिन्दू न्याय पीठ की जज और अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ. पूजा शकुन पांडे ने एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है. इस संदर्भ में पूजा पांडे ने राष्ट्रपति को अपने खून से आठ पेज का पत्र लिखा है
नई दिल्ली: देश की पहली हिन्दू न्याय पीठ की जज और अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ. पूजा शकुन पांडे ने एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है. इस संदर्भ में पूजा पांडे ने राष्ट्रपति को अपने खून से आठ पेज का पत्र लिखा है. उनके साथ 15 अन्य पदाधिकारियों ने भी अपना खून निकाल कर इस पत्र पर हस्ताक्षर किए व अंगूठा लगाया. पूजा पांडे का कहना है कि मोदी सरकार वोटों की खातिर हिंदू समाज को विभाजित कर रही है.
यह पत्र पूजा पांडे ने मीडिया के समक्ष शुक्रवार को लिखा. साथ ही इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से भी वार्ता की. उन्होंने कहा कि भविष्य में जाने-अनजाने लोग इस एक्ट के शिकार होंगे और सवर्ण वर्गों के लोग आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. लिहाजा राष्ट्रपति इस कानून पर तत्काल रोक लगाएं अन्यथा उन्हें महासभा के कार्यकर्ताओं के साथ इच्छामृत्यु की अनुमति दें. यह भी पढ़ें-हिन्दू कोर्ट की पहली महिला जज का विवादित बयान, कहा- गोडसे से पहले पैदा होती तो महात्मा गांधी को मैं मारती
एससी-एसटी एक्ट के विरोध में डॉ. पूजा पांडे ने कहा कि इस एक्ट से समानता के अधिकार का उल्लंघन तो हो ही रहा है, साथ ही इससे देश में गृहयुद्ध के हालात पैदा हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस कानून से हिन्दू समाज कमजोर हो जाएगा और साथ ही इससे सवर्ण समाज के बच्चों का भविष्य भी खतरे में पड़ जाएगा.
बता दें कि पूजा पांडे कुछ दिन पहले ही मेरठ में ‘हिंदू न्यायपीठ’ की जज बनाए जाने को लेकर चर्चा में आई थीं. तब से अपने तीखे और विवादित बयानों को लेकर लगातार वे सुर्ख़ियों में हैं. डॉ. पूजा नाथूराम गोडसे की समर्थक हैं.