योगी सरकार के 4 साल: MSP बढ़ने से बदली UP के किसानों की किस्मत, अब इस लक्ष्य पर हो रहा काम
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को चार साल पूरे हो गए हैं. साल 2017 में उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद से ही सूबे का कायाकल्प शुरू हो गया था. किसानों की हितैषी इस सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत की कर्ज माफी से की थी.
Four Years of Yogi Government: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के नेतृत्व वाली सरकार को चार साल पूरे हो गए हैं. साल 2017 में उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद से ही सूबे का कायाकल्प शुरू हो गया था. किसानों (Farmers) की हितैषी इस सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत की कर्ज माफी (Loan Waiver) से की थी. दरअसल, सीएम योगी ने सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग (Cabinet Meeting) में किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफी का फैसला लिया था. इस फैसले से 86 लाख लघु-सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया गया. बहरहाल, योगी सरकार के चार साल बीत जाने के बाद सरकारी आंकड़े गवाह है कि उत्तर प्रदेश के किसानों की किस्मत बदल रही है.
कोरोना संकट और लॉकडाउन (Lockdown) में एक तरफ मंदी का डर सता रहा था वहीं, दूसरी तरफ गांवों की अर्थव्यवस्था (Economy) काफी हद तक संभली रही. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के 'आत्मनिर्भर भारत' (Aatmanirbhar Bharat) अभियान की ओर भी कदम बढ़ें. यह भी पढ़ें- UP की योगी सरकार का राज्य के किसानों को बड़ा तोहफा, 15 अप्रैल तक बनाया जाएगा उनका क्रेडिट कार्ड.
एमएसपी में लगातार हुई बढ़ोतरी- योगी सरकार के कार्यकाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में लगातार बढ़ोतरी हुई. यहीं नहीं उनके चार साल के इस कार्यकाल के दौरान खाद्यान्न की रिकॉर्ड खरीद भी हुई. किसानों को 66 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान हुआ. गेहूं और धान के अलावा मक्का, दलहन एवं तिलहन की सरकारी खरीद होने से बाजार में किसानों को बेहतर दाम मिले.
तकनीक से मिली रफ्तार- योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश के किसानों को खेती संबंधी नई-नई जानकारियां और तकनीकी लाभ दिलाने के खास प्रयोग किए गए. इस दौरान नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की गई. लाखों किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश में सोलर पंप लगाने का काम तेजी से चल रहा है.
सशक्त होती मंडियां- किसानों द्वारा उपजाए गए अनाज की बिक्री के लिए मंडियों की उपयोगिता और बढ़ी है. दरअसल, मंडी शुल्क खत्म होने के बाद मंडियों में ऑनलाइन व्यापार को प्रोत्साहित किए जाने का लाभ मिल रहा है. राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना में 125 मंडियों के जरिए 6,81,278.18 लाख रुपये का कारोबार किया गया. मंडी शुल्क एक फीसद घटाया और फल-सब्जी जैसे 45 कृषि उत्पादों को मंडी शुल्क से मुक्त कर दिया गया. वहीं, चार सालों में 220 नए मंडी स्थल चिन्हित किए गए जबकि 27 मंडियों का आधुनिकीकरण भी किया गया.
स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट सिस्टम सुधारने पर जोर- योगी सरकार के चार साल के कार्यकाल के दौरान किसानों की उपज को कम से कम नुकसान होने देने की दिशा में काम किया गया. वाराणसी और अमरोहा मंडी परिषद द्वारा निर्यात बढ़ाने के लिए 26.66 करोड़ रुपये लागत से इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाए गए. 27 मंडियों में कोल्ड व राइपनिंग चैंबर बनाए गए हैं.
किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य: लगातार किसानों के हित में काम कर रही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का अगला लक्ष्य किसानों की आमदनी दोगुनी करना है. इस दिशा में काम भी शुरू हो गए हैं. किसान आर्थिक रूप से सशक्त और समृद्ध हों इसके लिए योगी सरकार ने तरह-तरह की योजनाएं बनाई हैं जिनका लाभ अन्नदाताओं को मिलना सुनिश्चित है.