तूतिकोरिन/चेन्नई. भाजपा की तमिलनाडु इकाई की अध्यक्ष टी सुंदराराजन ने मंगलवार को दावा किया कि द्रमुक चुनाव के बाद गठबंधन की संभावना के लिए उनकी पार्टी के साथ संपर्क में है, इस पर द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सुंदराराजन अपने बयान को साबित करें या राजनीति छोड़ दें। सुंदराराजन ने तूतिकोरिन में अन्नाद्रमुक नेता और तमिलनाडु के खाद्य मंत्री आर कामराज की मौजूदगी में संवाददाताओं से बातचीत में यह बयान दिया था।
भाजपा और अन्नाद्रमुक ने तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा है। भाजपा नेता के इस दावे से एक दिन पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन से यहां मुलाकात की थी। यह भेंट भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर अन्य क्षेत्रीय दलों का संघीय मोर्चा बनाने के प्रयासों के तहत उनसे संपर्क के तहत की गयी थी। यह भी पढ़े-बीजेपी नेता का बड़ा दावा- कांग्रेस की साथी पार्टी DMK उनके संपर्क में, क्या लोकसभा चुनाव के बाद करेगी मदद?!
स्टालिन की भाजपा से बातचीत चलने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर सुंदराराजन ने कहा, ‘‘यह सच है।’’ इसके बाद वह हंस पड़ीं। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो स्टालिन का कांग्रेस के साथ गठजोड़ है, दूसरी तरफ चंद्रशेखर राव से बातचीत चल रही है और वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बातचीत चल रही है।
अन्नाद्रमुक ने भी दावा किया है कि द्रमुक भाजपा से गठजोड़ के लिए बातचीत के प्रयास में है। वरिष्ठ पार्टी नेता और प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री डी जयकुमार ने कहा कि द्रमुक कांग्रेस, चंद्रशेखर राव के साथ बात करेगी तो उसी समय भाजपा के साथ भी बात करेगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘द्रमुक में अकेले एक बार में तीन नौकाओं पर सवार होने की क्षमता है।’’इन दावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्टालिन ने कहा कि उन्होंने ही केंद्र में भाजपा सरकार को हटाने के लिए मोदी के खिलाफ अभियान तेज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश किया था। उन्होंने कहा कि सुंदराराजन ने साफ झूठ बोला है। भाजपा ‘हारने के कगार’ पर है इसलिए भ्रम पैदा कर रही है।
स्टालिन ने कहा कि द्रमुक किसी भी गठबंधन के लिए पिछले दरवाजे से बातचीत नहीं करेगी। हमारी पार्टी पारदर्शी रही है। वह साफ कर चुकी है कि किसे प्रधानमंत्री होना चाहिए और किसे नहीं। द्रमुक ने निश्चय कर लिया है कि मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री नहीं होना चाहिए।