विधानसभा चुनाव 2018: चुनाव सामग्री में बढ़ते प्लॉस्टिक के उपयोग से, हाईकोर्ट ने जारी की नोटिस दो हफ्ते के अंदर मांगा जवाब
भारत निर्वाचन आयोग ( Photo Credit- File Photo )

जबलपुर:   मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के दौरान प्लास्टिक की चुनाव सामग्री के इस्तेमाल के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने नोटिस जारी कर प्रतिवादियों से दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पी के जायसवाल व न्यायमूर्ति बी के श्रीवास्तव की युगलपीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की.

जबलपुर निवासी संजीव कुमार पांडे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि अपशिष्ट पदार्थ अधिनियम की श्रेणी में प्लास्टिक से बनने वाले फ्लेक्स, होर्डिंग व झंडे भी आते हैं. केन्द्रीय प्लास्टिक पदार्थ प्रतिबंधित सूची में भी यह शामिल हैं. इसके बावजूद भी विधासभा चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए इनका उपयोग किया जा रहा है. एक अनुमान के अनुसार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रतिदिन प्रचार प्रसार के लिए दस टन प्लास्टिक से बने फ्लेक्स, होर्डिंग व झंडे का उपयोग होगा.

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इतनी भारी मात्रा में प्लास्टिक सामग्री का उत्पादन पर्यावरण की लिए घातक है. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में प्लास्टिक के बैग का उत्पादन, भंडारण व उपयोग प्रतिबंधित है. सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट ने भी उचित ठहराया था. जब प्लास्टिक के कैरी-बैग का उपयोग प्रतिबंधित है तो प्लास्टिक का उपयोग चुनाव प्रचार सामग्री में क्यों किया जा रहा है.